Friday, September 20, 2024
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तेजी से तय होगा कानपुर का सफर

SI News Today

दरअसल लखनऊ से कानपुर रेलखंड पर ट्रेनों की गति क्षमता अभी 110 किलोमीटर प्रतिघंटा ही तय है। शताब्दी एक्सप्रेस भी अधिकतम इसी गति से दौड़ सकती है। कमजोर पटरिया भी तेज रफ्तार में बाधा बन रही हैं। रेलवे ने कमजोर पटरियों को ब्लाक लेकर बदलने का काम शुरू कर दिया है। जबकि सोनिक, अमौसी, पिपरसंड, अजगैन, उन्नाव, मगरवारा और हरौनी स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक नॉन इंटरलॉकिंग होगी। इससे स्टेशन मास्टर स्वयं एक बटन दबाकर ट्रेन का रूट तय कर सकेंगे। साथ ही अपनी स्क्रीन पर वह यार्ड की स्थिति भी देख सकेंगे। इससे प्वाइंट की गड़बड़ी से गलत पटरी पर जाकर दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा जा सकेगा। तीन साल पहले संत कबीरनगर में गोरखधाम एक्सप्रेस गलत प्वाइंट सेट होने के कारण लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से भिड़ गई थी। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जुलाई में 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेजस को दौड़ाने के लिए रेलवे इस रूट को तैयार कर देगा। जिससे शताब्दी समेत एलएचबी बोगियों वाली सुपरफास्ट ट्रेनें भी इसी गति से दौड़ेंगी।

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