भारतीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के इतिहास में शायद पहली बार जम्मू-कश्मीर के 14 उम्मीदवार चयनित हुए हैं। यूपीएससी 2016 की परीक्षा में घाटी के 31 वर्षीय बिलाल मोहिदीन को पूरे भारत में 10वां स्थान मिला है। बिलाल उत्तरी कश्मीर के लंगाटे इलाके के हरिपुरा उनीसू गांव के रहने वाले हैं। बिलाल भारतीय वन सवा (इंडियन फॉरेस्ट सेवा) के अधिकारी हैं और लखनऊ में तैनात हैं। बिलाल साल 2012 में कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) की परीक्षा में 15वें स्थान पर चयनित हुए थे। दो साल बाद 2014 में उनका चयन भारतीय वन सेवा में हो गया था।
“मुझे चुने जाने की उम्मीद तो थी लेकिन जब मुझे पता चला कि मेरी 10वीं रैंक है तो मुझे यकीन नहीं हुआ।” बिलाल ने बताया कि उन्हें देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता की खबर जम्मू-कश्मीर सिविल सर्विसेज के व्हाट्सऐप ग्रुप से मिली। व्हाट्सऐप ग्रुप पर उनके लिए बधाई का तांता लग गया तो उन्हें इस बारे में पता चला। बिलाल का यूपीएससी में ये चौथा प्रयास था। बिलाल ने बताया, “जम्मू-कश्मीर कैडर के लिए एक नोटिफाइड सीट है तो मुझे उम्मी थी कि मुझे वो मिल जाएगी क्योंकि मैं अपने लोगों की सेवा करना चाहता हूं।”
बिलाल के अपने पिता को अपनी प्रेरणा मानते हैं जो कश्मीर प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अफसर हैं। बिलाल की बहन टीचर हैं। उनका भाई बोस्टन में डॉक्टर है। उनका एक और भाई राज्य के विज्ञान और तकनीक विभगाग में संयुक्त निदेशक है। बिलाल कहते हैं, “मेरे माता-पिता के अलावा मेरी सफलता का श्रेय मेरी बीवी को भी जाता है जो कर्नाटक प्रशासनिक सेवा में अफसर हैं।”
कश्मीर से चुने गए अन्य उम्मीदवारों में 30 वर्षीय फखरूद्दीन श्रीनगर स्थित दांत के डॉक्टर हैं। फखरूद्दीन कहते हैं, “बढ़ती बेरोजगारी के चलते बहुत सारे कश्मीरी युवा यूपीएससी में जाना चाहते हैं।” जम्मू-कश्मीर के 14 सफल उम्मीदवारों में से बिसमा काजी इंजीनियर हैं। पिछले साल राज्य से 12 उम्मीदवार यूपीएससी में सफल हुए थे। कर्नाटक की नंदिनी केआर ने संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) 2016 की परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया है। नंदिनी के बाद अनमोल शेर सिंह बेदी और गोपालकृष्ण रोननकी दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।