लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के लागू होने से गरीबों के घरों की महिलाओं के लिए सचमुच ‘अच्छे दिन’ आ गए हैं. योगी ने शनिवार को यहां एलपीजी वितरकों को आशय पत्र वितरण कार्यक्रम में कहा कि गांवों और दूर-दराज के क्षेत्रों में एलपीजी उपलब्ध कराने की दिशा में यह कार्यक्रम अत्यन्त महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री की सोच ‘सबका साथ सबका विकास’ इसमें पूरी तरह से परिलक्षित होती है, क्योंकि इसका लाभ गरीबों, अल्पसंख्यकों, ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को पूरी तरह से मिल रहा है.
योगी ने कहा कि इस कार्यक्रम में 300 नए एलपीजी वितरकों को आशय पत्र (एलओआई) दिए गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी और उन्हें अब एलपीजी की उपलब्धता इत्यादि से सम्बन्धित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक मई 2016 को राज्य के बलिया जनपद से नरेन्द्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ का शुभारम्भ किया था. राज्य में 1.25 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 62 लाख गरीब महिलाओं को फायदा पहुंचाया जा चुका है.
मुख्यमंत्री ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को बधाई देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में इस योजना को बेहतरीन ढंग से लागू किया गया है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की आय दो गुनी करने के प्रति गम्भीरता से काम कर रही है. यदि उत्तर प्रदेश में बायो डीजल का उपक्रम स्थापित किया जाए तो इसका लाभ किसानों को मिलेगा. इथेनाल का इस्तेमाल पेट्रोल बनाने में करने से भी किसानों की आय में इजाफा होगा. पिछले 15 वर्षों के दौरान राज्य में सालिड वेस्ट डिस्पोजल पर कोई गम्भीर प्रयास नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि इस बात की सम्भावना तलाशी जाए कि इसका इस्तेमाल ईंधन के रूप में कैसे किया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वयं को केन्द्र द्वारा लागू की जा रही सभी योजनाओं से गहनता के साथ जोड़ती है. उन्होंने मथुरा में स्थापित की जा रही ईकाई के लिए जमीन उपलब्ध कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में पीएनजी की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत लागू पहल व उज्ज्वला जैसी योजनाओं को लागू करने के लिए बेहतरीन टीम स्पिरिट से काम किया गया, जिसका परिणाम सबके सामने है.
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार के सत्ता में आने से पहले एलपीजी कनेक्शन लेना बहुत कठिन था. अब उत्तर प्रदेश में एलपीजी कनेक्शनों की संख्या 1.14 करोड़ से बढ़कर 2.88 करोड़ हो गई है.
प्रधान ने कहा, ‘गन्ने का जो बचा हुआ ठूंठ होता है, उससे पेट्रोल बनाने की एक बड़ी योजना पर सरकार काम कर रही है. देश में कचरे से पेट्रोल बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है. उत्तर प्रदेश में 700 करोड़ की लागत से तीन बाटलिंग संयंत्र भी लगाए जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास किसानों की आय दोगुनी करने पर है. सरकार 40 रुपये प्रति लीटर की दर से इथेनाल खरीदेगी. इससे किसानों की आय दोगुनी करने का भी प्रयास होगा. उन्होंने बताया कि एलपीजी से जुड़ी समस्याओं के निस्तारण के लिए देश भर में एक हजार एलपीजी पंचायतों का भी आयोजन किया जाएगा. प्रधान ने कहा कि सरकार का एलपीजी की सब्सिडी कटौती पर कोई प्रस्ताव नहीं है. जो लोग एलपीजी बिना सब्सिडी के खरीद सकते हैं अगर वो स्वतः सब्सिडी छोड़ देंगे तो गरीबों को एलपीजी मिलने में और भी आसानी होगी.