लखनऊ: सरकार ने सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए खास पहल की है। बालू और मौरंग की कमी से उत्पन्न हो रहे अवरोध को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की मांग पर खनन के लिए तीन-तीन जिले आवंटित किए हैं। इस प्रस्ताव को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई।
तीन-तीन जिले आवंटित
सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि खनन नीति 2017 में यह प्रावधान किया गया था कि बालू और मौरंग की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार कंपनी और सरकारी संगठनों को सीधे खनन क्षेत्र आवंटित कर सकता है। इसके तहत पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और अन्य सड़कों के निर्माण के लिए यूपीडा और एनएचएआइ ने अनुरोध किया था। सरकार ने दोनों संस्थाओं को तीन-तीन जिले आवंटित किए हैं। यूपीडा को मौरंग के लिए हमीरपुर, कौशांबी और सोनभद्र जिला आवंटित किया गया है, जबकि एनएचएआइ को बांदा, हमीरपुर और सोनभद्र आवंटित किया गया है। गिट्टी के लिए भी प्रावधान किया जाएगा। जनता के सामने अभी तक गिट्टी, मौरंग और बालू के संकट के सवाल पर बताया कि जनता के हित के लिए नीलामी की प्रक्रिया लागू है। 12 जिलों की टेंडर की विज्ञप्ति निकल गई है और बाकी जिलों के लिए प्रक्रिया चल रही है।
सरकार इस वर्ष लगाएगी दस हजार सोलर एरिगेशन पंप
कैबिनेट ने किसानों के हित में इस वर्ष दस हजार सोलर एरिगेशन पंप लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे बिजली और डीजल पर किसानों की निर्भरता खत्म होगी। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों की ओर से कुल 70 फीसद का अनुदान दिया जाएगा। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि केंद्र से 25 और राज्य से 45 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। कैबिनेट ने इस योजना को पांच वर्ष के लिए अनुमोदित किया है। इस वर्ष दस हजार पंप लगाए जाएंगे, जबकि पिछले तीन वर्षों में कुल दस हजार पंप लगे हैं। इसमें 30 प्रतिशत किसानों को खर्च करना होगा। आगे संख्या बढ़ाने का प्रयास होगा। केंद्र सरकार दो और तीन हार्स पावर के सोलर पंप पर 25 प्रतिशत और पांच हार्स पावर पर 20 प्रतिशत की सब्सिडी देता है। प्रदेश में एक करोड़ 48 लाख किसान ऑनलाइन रजिस्टर्ड हैं। योजना के लाभ के लिए पहले आओ-पहले पाओ सिद्धांत को लागू किया जाएगा। शाही ने बताया कि इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। किसानों को ऑनलाइन आवेदन फार्म भरना होगा। इसमें किसान ब्लाक मुख्यालयों से मदद ले सकते हैं।