लखनऊ: यूपी निकाय चुनावों में अब एनडीए में दरार पड़ने लगी है। भाजपा के सहयोगी दलों में शामिल अपना दल-एस की अनुप्रिया पटेल ने नाराजगी जताते हुए चुनाव नहीं लड़ने की घोषण कर दी। वहीं, भारतीय समाज पार्टी ने अपने कैंडिडेट की घोषणा कर दी है। भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, जितनीं सीटों की मांग सहयोगी कर रहे थे उतना संभव नहीं था। इसलिए वो लोग एेसा कदम उठा रहें हैं। भाजपा से अनुप्रिया पटेल की थी 3 सीटों की डिमांड…
– निकाय चुनावों में भाजपा के सहयोगी दलों ने भी अपनीं डिमांड अपने क्षेत्रों में रखी थी। इसमें अपना दल-एस की अनुप्रिया पटेल ने इलाहाबाद की नगर निगम की मेयर और मिर्जापुर, प्रतापगढ़ की नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद की डिमांड रखी थी। लेकिन भाजपा ने सिरे से खारिज कर दिया।
– इसको लेकर कई दौर में बातचीत भी चली लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद शनिवार देर रात अनुप्रिया पटेल ने चुनावों में नहीं उतरने की घोषणा कर दी।
– पिछले नगर निगम चुनावों में भी भाजपा के मेयर इलाहाबाद सीट पर चुनाव हार गए थे। इसको आधार बनाते हुए अनुप्रिया पटेल ने यहां पर टिकट मांगा था।
– बता दें, यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों अपना दल-एस और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ चुनाव लड़ा था। अनुप्रिया पटेल वर्तमान में भाजपा के साथ गठबंधन में केंद्रीय राज्यमंत्री के पद पर हैं।
भासपा के ओम प्रकाश राजभर 6 पर अड़े
– भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राज भर ने भी अपनीं 6 जिलों की सीटों पर नगर पंचायत और नगर पालिका अध्यक्षों की डिमांड की थी। इनमें देवरिया, बस्ती, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर और आजमगढ़ की सीटें थीं।
– लेकिन भाजपा ने उनके सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया। भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “आप चाहे तो कुछ सीटों पर पार्षदी या सभासदों को उतार दीजिए, लेकिन निकाय चुनावों में सीटें दे पाना संभव नहीं होगा।”
– इसके बाद भाजपा पर दबाव बनाने के लिए भासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उन सीटों पर भी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जिनकी बात डिमांड में नहीं की थी। इसमें गोरखपुर की सीट पर भी वो अपने प्रत्याशियों को उतारने की तैयारी कर चुके हैं।
– ओम प्रकाश राजभर भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, वर्तमान राज्य सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
– वहीं, इन मुद्दों पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव का कहना है, “हमारा गठबंधन है, कहीं कोई भी मनमुटाव वाली बात नहीं है। हम लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चल रहे हैं। हर किसी को अपनी बात कहने का हक है।”