Thursday, May 8, 2025
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ये कैसी मजबूरी..खुद उजाड़ रहे हैं अपना आशियाना

SI News Today

बहराइच. भारी बारिश के बाद घाघरा के जलस्तर में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है। पानी ज्यादा होने के वजह से गोपिया बैराज से पानी छोड़ दिया गया, जिससे नदी के किनारे वाले इलाकों में कटान और तेज हो गया है। दूसरी तरफ घाघरा के किनारे रहने वाले लोग अब नया आशियाना ढूंढने को मजबूर है।

कौन से इलाके ज्यादा हुए है प्रभावित
महसी तहसील के गोलागंज, कायमपुर, जर्मापुर व पचदेवरी को घाघरा निशाना बनाए हुए है। इन गांवों की खेती योग्य जमीन घाघरा में समाहित हो रही है, जबकि चुरईपुरवा, अरनवा, अहिरनपुरवां के पास घाघरा की लहरें तेज है।

पीड़ित आशाराम की आपबीती
कायमपुर में रहने वाले आशाराम का मंगरवल में 12 साल पहले, कपरवल में 10 साल पहले, सुकईपुर में 9 साल पहले घर घाघरा के आगोश में समा गया। आशाराम की तीन बेटे और तीन बेटियां है। 6 बीघा जमीन घाघरा नदी के कटान में आ चुकी है।आशाराम का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है..कि वो अब क्या करें।

प्रशासन ने अब तक क्या किया
घाघरा के बढ़ते जलस्तर के बाद कटान प्रभावित इलाके बौण्डी पहुंच गई है। सीतापुर की बाढ़ राहत दल-2 बटालियन पीएसी बल के प्लाटून कमांडर राजेंद्र सिह ने बताया कि 30 जवान प्रभावित लोगों की मदद के लिए तैयार है।

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