लखनऊ: राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में रविवार को कुत्तों द्वारा मॉर्चरी में रखे शव को नोच कर खाने का मामला सामने आया था। इसके बाद से प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में अब तक यहां के सुपरवाइजर समेत 3 सुरक्षा गार्डों को टर्मिनेट कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
– चिनहट की रहने वाली पुष्पा तिवारी (40) के भतीजे दीपू तिवारी के मुताबिक, उसकी चाची को शनिवार सुबह पेट दर्द शुरू हुआ था। वो लोग उन्हें लेकर करीब 9 बजे लोहिया हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे।
– यहां डॉ. नाथ ने पुष्पा का ट्रीटमेंट शुरू किया। लेकिन उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इवनिंग में 6 बजे हॉस्पिटल के अंदर ही ट्रीटमेंट के दौरान उसकी डेथ हो गई।
– डेथ होने के बाद अटेंडेंट पुष्पा की डेडबॉडी को घर ले जाना चाहते थे। उन्होंने डॉक्टर नाथ से डेडबॉडी देने की मांग की। लेकिन बिना पोस्टमॉर्टम रात में डेड बॉडी देने से मना कर दिया गया। उन्होंने डेडबॉडी को रात में मॉर्चरी में रखने की बात कही। रविवार को आकर डेडबॉडी ले जाने को कहा।
वॉर्ड से डेडबॉडी ले जाने के लिए नर्स ने मांगे थे 1000 रुपए
– दीपू ने बताया, हम जब डेडबॉडी ले जाने लगे तो नर्स ने 1000 रुपए देने के बाद ही वॉर्ड से डेडबॉडी ले जाने की परमिशन देने की बात कही। घरवालों ने पैसे कम पड़ने की बात बताई, लेकिन नर्स वो नहीं मानी।
– घरवाले 1 घंटे के बाद पैसे का अरेंजमेंट करके वापस नर्स के पास पहुंचे और उसे पैसे दिये। तब जाकर उन्हें डेडबॉडी मिल पाई।
– इसके बाद जब घरवाले पुष्पा की डेडबॉडी को खुद ही उठाकर मॉर्चरी में रखने के लिए पहुंचे तो यहां के गार्डों ने उनसे दो बार पैसे मांगे। पहले मॉर्चरी के अंदर डेडबॉडी की एंट्री फीस 100 रुपए और बाद में डीप फ्रीजर में डेडबॉडी रखने के लिए 500 रुपए। पैसे देने के बाद वो लोग डेडबॉडी को फ्रीजर में रखकर उसे बाहर से बंद करके घर चले गए।
– सवाल ये उठता है कि आखिर ये पैसे किसके आदेश पर लिए जा रहे हैं। यदि पैसे लिए जाते हैं तो उसकी लीगल रशीद क्यों नहीं दी जाती। इस पैसे को क्यों हॉस्पिटल के खातें में जमा नहीं कराया जाता है?
गार्डों ने फ्रीजर से डेडबॉडी निकालकर उतारे थे गहने
– अटेंडेट ने बताया, पुष्पा की डेडबॉडी उनकी आंखों के सामने डीप फ्रीजर में रखकर उसे शनिवार की रात में अच्छे से बंद कर दिया गया था। उनके सामने ही मॉर्चरी में ताला भी लगाया गया था, लेकिन जब रविवार सुबह घरवाले डेड बॉडी लेने पहुंचे तो डेडबॉडी डीप फ्रीजर के बाहर पड़ी थी।
– कमरे के बाहर जगह-जगह खून के निशान दिखाई दे रहे थे। डेडबॉडी को कुत्तों ने नोचकर खाया था। दोनों आंखें भी गायब थीं।
– इतना ही नहीं उसकी बॉडी से सोने की चेन, पायल, कान की बाली, नाक की कील आदि सोने के सामान भी उतार लिए गए थे। इस बारे में पूछने पर गार्डस ने कोई जवाब नहीं दिया।
लापरवाही से कुत्ते पहुंचे डेड बॉडी के पास
– प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मॉर्चरी में कुत्ते गार्डस की लापरवाही से पहुंचे थे। जिस टाइम कुत्तों ने डेडबॉडी को नोचा था। उस टाइम गार्ड वहां से गहने चुराकर जा चुके थे।
– कुत्ते वहां डेड बॉडी की स्मेल सूंघते हुए शटर के रास्ते मॉर्चुरी के अंदर घुस गए और उन्होंने डेडबॉडी को नोच खाया।
मॉर्चरी में क्यों नहीं लगाए गए सीसीटीवी कैमरे
– अटेंडेट के मुताबिक, हॉस्पिटल के मॉर्चरी में सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो डेडबॉडी से गहने किसने चुराए? जानवर कैसे डेडबॉडी तक पहुंच गए? उस टाइम गार्ड ड्यूटी दे भी रहा था या नहीं? इन सवालों का जवाब जानने में पुलिस और हॉस्पिटल के अधिकारियों को इतनी मशक्कत नहीं करनी पड़ती।
– सवाल ये है कि लोहिया हॉस्पिटल की मॉर्चरी में अभी तक सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगाए गए? क्या ये सब जानबूझकर किसी मकसद से किया जा रहा है?