Saturday, April 26, 2025
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लखनऊ: शांतिपूर्ण निकाय चुनाव कराने को लगेगा 60 कंपनी केंद्रीय बल…

SI News Today

लखनऊ: शांतिपूर्ण, निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग कोई कसर नहीं छोडऩा चाहता है। राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने चुनाव के मद्देनजर वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने किसी तरह की ढिलाई न बरतने के साथ ही अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हिदायत भी दी।

मेरठ, बरेली, आगरा, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त ने आयोग मुख्यालय में लखनऊ जोन की बैठक की। बैठक में जोन के एडीजी, आइजी, मंडलायुक्त, संबंधित जिलों के डीएम, एसपी और अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा व विशेष कार्याधिकारी जेपी सिंह शामिल हुए। बैठक में आयुक्त ने खासतौर से वर्ष 2012 के निकाय चुनाव, 2014 के लोकसभा चुनाव व 2017 के विधानसभा चुनाव में घटी बड़ी घटनाओं, विभिन्न मामलों में बड़े व इनामी अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, शस्त्र जमा कराए जाने आदि की समीक्षा की।

आयुक्त ने यह भी देखा कि पहली जनवरी 2015 से 30 सितंबर तक कितनी सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं और उनमें क्या कार्रवाई की गई है? फरार अपराधियों की स्थिति के बारे में भी आयुक्त ने जानकारी ली। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर चुनावी रैलियों के अलावा किसी तरह की अन्य रैली आदि के कार्यक्रमों की पूर्व में दी गई अनुमति को रद करने के निर्देश दिए। बैठक के बाद आयुक्त ने बताया कि इलाहाबाद को छोड़कर अब तक वह सभी जोन की चुनाव तैयारियों की समीक्षा कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण चुनाव के लिए आयोग किसी तरह की कोताही को बर्दाश्त नहीं करेगा। अग्रवाल ने बताया कि ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जाएगी। चूंकि लखनऊ में दो ही ऐसे कैमरे हैं इसलिए और कैमरे का इंतजाम करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। मतदान के दौरान राज्य व जिले की संबंधित सीमाएं सील रहेंगी। आने-जाने वालों पर नजर रखी जाएगी। अति संवेदनशील जिलों में वीडियोग्र्राफी और वेबकास्टिंग के निर्देश दिए हैं।

आयुक्त ने बताया कि आचार संहिता के चलते राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभिन्न कार्यक्रमों की अनुमति के संबंध में आयोग को पत्र मिले हैं। चूंकि ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा हो इसलिए उनके सभी कार्यक्रमों की अनुमति दे दी गई है। इनमें राज्यपाल के दीक्षांत समारोह व मुख्यमंत्री के रामायण मेला जैसे कार्यक्रम हैं। ऐसे कार्यक्रम में सरकारी धन को नहीं खर्च किया जा सकेगा।

60 कंपनी रहेगा केंद्रीय बल
वैसे तो केंद्र सरकार नगरीय निकाय चुनाव के लिए राज्य को केंद्रीय बल नहीं देता है लेकिन चुनाव के दौरान सूबे में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार, केंद्र से 60 कंपनी केंद्रीय बल ले रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसमें 20 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) होगी। केंद्रीय अद्र्धसैनिक बलों को खासतौर से अतिसंवेदनशील व संवेदनशील जिलों में लगाया जाएगा। वे संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च व रूट मार्च करेंगे। चिह्नित स्थानों पर पेट्रोलिंग और सांप्रदायिकता की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में मोबाइल पेट्रोलिंग करती रहेंगी।

यह हैं अतिसंवेदनशील जिले
वैसे तो राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल का कहना है कि एक बार प्रत्याशियों के नाम सामने आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि सुरक्षा की दृष्टि से कहां कितनी संवेदनशीलता है लेकिन आयोग ने शांति पूर्ण चुनाव कराने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व की घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार चुनाव के लिहाज से जिन 21 जिलों को अतिसंवेदनशील मानती है उनमें राजधानी लखनऊ के साथ ही प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर सहित शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, बिजनौर, सम्भल, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर नगर, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, इलाहाबाद, आजमगढ़ व मऊ हैं।

शेष 26 जिले जहां संवेदनशील माने जा रहे हैं वहीं शेष सामान्य श्रेणी में रखे हैं। संवेदनशील जिलों में सहारनपुर, गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, रामपुर, बदायूं, कासगंज, फीरोजाबाद, शाहजहांपुर, पीलीभीत, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, अमेठी, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, अंबेडकरनगर, संत कबीर नगर, जौनपुर, भदोही, गाजीपुर, कुशीनगर व चित्रकूट हैं।

चुनाव प्रचार थमने के साथ रुकेगी शराब की बिक्री : राज्य निर्वाचन
आयुक्त ने बताया कि प्रत्येक चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार थमने के साथ ही शराब की दुकानें बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। मतगणना वाले दिन में रात 12 बजे से 24 घंटे शराब की दुकानें खोलने पर रोक रहेगी। दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम लगातार निगरानी करेगी। आयुक्त ने बताया कि इस संबंध में बुधवार को प्रमुख सचिव आबकारी दीपक त्रिवेदी और आबकारी आयुक्त धीरज साहू आयोग में आए थे। त्रिवेदी ने बताया कि संबंधित आदेश जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे।

आज इलाहाबाद जोन की समीक्षा
राज्य निर्वाचन आयुक्त गुरुवार को इलाहाबाद जोन के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर निकाय चुनाव की तैयारियों व कानून-व्यवस्था की समीक्षा करेगा। बैठक में इलाहाबाद, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, बांदा, हमीरपुर, महोबा व चित्रकूट की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि आयुक्त राज्य के अन्य सात जोन की पहले ही व्यापक समीक्षा कर चुके हैं। आयुक्त ने बताया कि अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चुनाव की तैयारियों पर नजर रखी जाएगी।

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