लखनऊ: 15 सितंबर को फरहान अख्तर की ‘लखनऊ सेंट्रल’ रिलीज हो गई। इस फिल्म की शूटिंग राजधानी में ही हुई है। फिल्म में एक ऐसे आदमी की कहानी बताई गई है जो कि फेक मर्डर केस में फंस जाता है और उसे लखनऊ सेंट्रल जेल में भेज दिया जाता है, जहां वो साथी कैदियों के साथ मिलकर म्यूजिक बैंड बनाता है। यह एक इमेजिनेशन नहीं, बल्कि हकीकत है। जहां बंद होते हैं सिर्फ स्टार कैदी।
ऐसे बना था कैदियों का म्यूजिक बैंड
– लखनऊ के आउटस्कर्ट्स पर बने आदर्श कारागार जेल में कैदियों को नई जिंदगी जीने का मौका दिया जाता है। 2007 में जेल के सीनियर सुप्रिन्टेंडेंट रहे वीके जैन ने कैदियों के बैंड की शुरुआत की थी।
– वीके जैन ने जेल के ऐसे 12 कैदियों को चुना जिन्हें उम्रकैद की सजा हुई थी।
– म्यूजिकल ट्रेनिंग देने के लिए जेल के सिक्युरिटी गार्ड नूर मोहम्मद को चुना गया। नूर के पिता म्यूजिकल बैकग्राउंड से थे। उन्हें भी बैंड का हिस्सा बनाया गया।
– वीके जैन ने कैदियों के बैंड के लिए चंदा इकट्ठा करवाया और उससे 15 अलग म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट खरीदवाए।
होने लगी डिमांड
– इस कैदियों के बैंड का नाम रखा गया ‘हीलिंग हार्ट्स’।
– 2007 की रिपब्लिक डे परेड में बैंड ने परफॉर्म किया। उनका परफॉर्मेंस लोगों को बहुत पसंद आया और बैंड की शादी-पार्टियों में बजाए जाने की रिक्वेस्ट आने लगीं।
– यह बैंड ट्रेडिशनल म्यूजिक के साथ ही बॉलीवुड सॉन्ग्स भी परफॉर्म करता है। इसकी सर्विसेज आज 10 साल बाद भी जारी हैं।
– इस जेल के गंगा भवन में रहनेवाले कैदियों को स्टार कैदी या आदर्शी कहा जाता है।