लखनऊ: डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. गुरदीप सिंह बाहरी का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। इनका कार्यकाल तीन मई 2018 को पूरा हो रहा था, लेकिन इन्होंने अस्वस्थ होने के चलते छह महीने पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
प्रो. गुरदीप सिंह ने बीती 17 अक्टूबर को अपना इस्तीफा उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सौंप दिया था। डॉ. शर्मा ने इनका इस्तीफा स्वीकार करने की सिफारिश सीएम योगी आदित्यनाथ से की थी और तब तक कार्यभार देखने के निर्देश भी दिए थे। अपर मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) संजय अग्रवाल ने कुलपति प्रो. गुरदीप सिंह का इस्तीफा मंजूर होने की पुष्टि की है। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल नए नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक यूनिवर्सिटी के सबसे सीनियर प्रोफेसर को कार्यवाहक कुलपति का दायित्व सौंपा जाएगा।
इस समय यूनिवर्सिटी में सबसे सीनियर समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर संजय सिंह हैं। मालूम हो कि बीते सितंबर में लॉ यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट ने अपनी समस्याओं को लेकर मुखर विरोध किया था। यहां छात्राओं ने दो अधिकारियों पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था, जिन्हें फिलहाल सवेतन अवकाश पर भेजा गया है। इस प्रकरण की जांच बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सुदर्शन वर्मा इसकी जांच कर रही हैं।
वहीं सीएम से विद्यार्थियों ने प्लेसमेंट आफिसर न होने, टैबलेट से विरोध के बावजूद उपस्थिति दर्ज करवाने के साथ-साथ यहां पर शिक्षकों की प्रोन्नति में भी गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे। जिस पर खुद सीएम के निर्देश पर शासन ने विशेष सचिव की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की है। ऐसे में विश्वविद्यालय में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था और इसी बीच कुलपति प्रो. गुरदीप सिंह ने अपनी बीमारी का हवाला देकर कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही पद छोडऩे की इच्छा जताई। फिलहाल इस्तीफा मंजूर हो गया है।