लखनऊ: समाजवादी पार्टी के शासनकाल में थानों और चौकियों के प्रभारी पद पर जमे पुलिसकर्मियों पर अब गाज गिरने वाली है। राज्य सरकार ने उनके तबादले की तैयारी कर ली है और इसके लिए जिलों से सूची मांगी है। हालांकि पुलिस महकमे में छह सौ से अधिक निरीक्षकों और उप निरीक्षकों के तबादले हो चुके हैं लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी पदों पर मौजूद हैं जिन्हें अगले कुछ दिनों में हटाया जा सकता है।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही थानों में निरीक्षक और चौकी प्रभारियों के दिन गिने जाने लगे थे। इसके बाद छह सौ से अधिक निरीक्षकों-उप निरीक्षकों के तबादले भी हुए, लेकिन बड़ी संख्या में अभी भी इन पदों पर बरकरार हैं। गत एक अगस्त को डीजीपी सुलखान सिंह ने सभी एडीजी को पत्र भेजकर इस बाबत निर्देश दिए थे, लेकिन नीचे के स्तर पर ढिलाई बनी रही। मंगलवार को उन्होंने एडीजी को फिर पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि 20 मार्च, 17 के पूर्व के सभी प्रभारी निरीक्षकों, थानाध्यक्षों और चौकी प्रभारियों को उनके वर्तमान नियुक्ति स्थान से अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। डीजीपी ने सेकेंड ऑफिसर को भी उनके नियुक्ति स्थान से अन्यत्र भेजने का निर्देश दिया है।
तबादलों की गाज मुख्य आरक्षी व आरक्षियों पर भी गिरने जा रही है। डीजीपी ने एक जुलाई, 2017 को थानों पर एक साल पूरा कर चुके मुख्य आरक्षियों और आरक्षियों का भी तबादला करने को कहा है। इसके साथ ही पुराने स्टाफ मसलन कोर्ट मोहर्रिर, पैरोकार, लॉकअप, मोहर्रिर को भी बदला जाए। डीजीपी ने इसके लिए प्रोफार्मा भी अधिकारियों को भेजा है और जानकारी मांगी है, जिस पर अमल शुरू कर दिया गया है। एक-दो दिन में ही इसकी सूची तैयार कर मुख्यालय भेज दी जाएगी।