लखनऊ! राजधानी के सिविल हॉस्पिटल (डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हॉस्पिटल) प्रशासन ने नर्सों को परिसर से कुत्तों को भगाने का फरमान जारी किया। साथ ही लापरवाही बरतने वाली नर्सों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही गई। वहीं, इस फैसले को लेकर नर्सेज ने नाराजगी जताई। इसके बाद 24 घंटे के अंदर ही प्रशासन को अपने फरमान वापस लेनापड़ा। नया आदेश जारी कर कहा कि नर्सें नहीं सुरक्षा गार्ड कुत्ते भागएंगे। हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने कहा कि गलती से नर्स टाइप हो गया था। बता दें, यह फरमान 26 अगस्त को डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में कुत्तों द्वारा मॉर्चरी में रखे शव को नोच कर खाने के बाद जारी हुआ। पुराने लेटर लिखी थी ये बातें…
– सिविल हॉस्पिटल के कैम्पस में आवारा कुत्ते घूमते हुए देखा गया है, जो हॉस्पिटल में आने वाले पेशेंट और उनके अटेंडेंटस के लिए घातक है। वह किसी को नुक्सान पहुंचा सकते है।
– इसलिए हॉस्पिटल की सभी वार्ड सिस्टर को निर्देश दिया जाता है कि अगर हॉस्पिटल में कही पर भी कोई आवारा कुत्ता दिखाई देता है तो तत्काल उसे भगाए।
– इसमें किसी भी नर्स द्वारा लापरवाही बरतने पर उसे माफ नहीं किया जाएगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहा नर्सो ने ?
– नर्सेज ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हॉस्पिटल प्रशासन ने कुत्तों को भगाने को लेकर नर्सेज को जो आदेश जारी किया है वो गलत है।
– हमारा काम पेशेंट की देखभाल करना है, न की कुत्तों को भगाना। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. एचएस दानु द्वारा जारी आदेश ठीक नहीं है।
– अगर जल्द इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो हॉस्पिटल की सभी नर्सेज स्ट्राइक पर चली जाएगी।
नर्सेज संघ का पक्ष
– यूपी नर्सेज एसोसियेशन के सेक्रेटरी अशोक यादव के मुताबिक, सिविल हॉस्पिटल प्रशासन ने नर्सों को कुत्ता भगाने का आदेश जारी किया है। जो कि एकदम बेतुका है।
– इस तरह का आदेश जारी करना सही नहीं है। नर्सेज एसोसिएशन, सिविल हॉस्पिटल प्रशासन के आदेश की भर्त्सना करता है। इस तरह का आदेश तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
– अगर हॉस्पिटल प्रशासन जल्द इस आदेश को वापस नहीं लेता है तो सभी नर्सेज स्ट्राइक पर चली जाएगी। इसकी जिम्मेदारी हॉस्पिटल प्रशासन की होगी।
हॉस्पिटलप्रशासन का पक्ष?
सिविल हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. एचएस दानु के मुताबिक, नर्सों से बातचीत चल रही है। बातचीत के बाद आदेश को वापस लेने पर विचार किया जाएगा।