Friday, March 29, 2024
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अमित शाह के यूपी आते ही सपा-बसपा को लगे बड़े झटके

SI News Today

लखनऊ: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के उत्तर प्रदेश में कदम रखते ही अवध की राजनीति में सरगर्मियां देखने को मिली। सपा-बसपा के तीन विधान परिषद सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। इनमें सपा के बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह और बसपा के ठाकुर जयवीर सिंह शामिल हैैं। तीनों का इस्तीफा स्वीकार कर स्थान रिक्त घोषित कर दिया गया है। सारे मामले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक राजनीतिक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा की भूख को हवस में बदलना करार दिया

बिहार से यूपी तक राजनीतिक भ्रष्टाचार
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोग हमारे विधायक तोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी के दो एमएलसी ने इस्तीफा दिया है। अमित शाह लखनऊ आए हैं। कुछ एमएलसी को उनसे मिलाने के लिए चुपके से ले जाया गया है। यूपी से बिहार तक भाजपा पॉलिटिकल करप्शन कर रही है। मायावती ने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की गरिमा का स्तर बेहद नीचे ले जाने में लगी है। भाजपा को सत्ता की हवस में कुछ भी सूझ नहीं रहा है। भाजपा की सत्ता की भूख हवस में बदल गई है। यह पार्टी बस किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने की भूखी है।

चार माह पहले और चार माह बाद
यूपी में नए साल की शुरुआत से हो रहे राजनीतिक घटनाक्रमों में एक जनवरी के अखिलेश यादव ने सपा में तख्ता पलट किया। मुलायम सिंह को हटाकर खुद अध्यक्ष बने। विधानसभा चुनाव परिणाम का दिन यानी 11 मार्च भी यूपी की राजनीति में अभूतपूर्व था। इस दिन भाजपा गठबंधन ने राज्य विधानसभा की 403 में से 325 सीटें जीती थीं। चार माह बाद शनिवार को फिर ऐसा दिन आया। सपा के टिकट से विधान परिषद सदस्य चुने गए बुक्कल नवाब और एमएलसी बने यशवंत सिंह ने परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बसपा एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह ने भी सदस्यता छोड़ दी। परिषद सभापति रमेश यादव ने तीनों का इस्तीफा स्वीकार कर स्थान रिक्त घोषित किया और चुनाव आयोग को ब्यौरा भी भेज दिया। यह संयोग नहीं है कि सपा, बसपा के इन नेताओं ने उस दिन सदस्यता छोड़ी, जिस दिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शहर में मौजूद थे।

राम मंदिर निर्माण के लिए इस्तीफा
बुक्कल नवाब ने कहा कि मैं भाजपा के काम से संतुष्ट हूं। राममंदिर अयोध्या में नहीं तो क्या पाकिस्तान में बनेगा। अयोध्या राम की जन्मभूमि है। कुछ लोग गलत तर्क देकर बहकाते हैैं। मंदिर के निर्माण के लिए इस्तीफा दिया। यशवंत सिंह ने कहा कि जहां मनभेद हो जाएं, वहां से दूरी बना लेना चाहिए। कुछ अरसे से सपा में समाजवादी आंदोलन के साथियों की कोई कीमत नहीं रह गई थी। इन्हीं परिस्थितियों के चलते सदन की सदस्यता छोड़ी है। ठाकुर जयवीर सिंह ने कहा कि बसपा अपने मिशन से भटक गई है। अब सिर्फ मोदीजी, योगीजी ही प्रदेश का विकास कर सकते हैैं। विकास में हिस्सा बनने के लिए इस्तीफा दिया। सभापति विधान परिषद रमेश यादव ने कहा कि बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह और ठाकुर जयवीर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। परिषद में तीन और स्थान रिक्त होने की जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी गई है।

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