Thursday, March 28, 2024
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यूपी: इंदौर की तर्ज पर स्मार्ट बनेगा लखनऊ…

SI News Today

लखनऊ: यूपी की राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव नगर विकास की अध्यक्षता में 18 लोगों की टीम इंदौर की सफाई व्यवस्था को समझने के लिए 2 दिनों के स्टडी टूर पर गई थी। वापस आकर प्रमुख सचिव ने लखनऊ व अन्य निगमों से इंदौर की तुलना करके एक रिपोर्ट बनाई और उसको चीफ सेक्रेटरी (सीएस) को सौंपी। स्टडी टूर पर गई टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, यदि हमें स्मार्ट सिटी की लिस्ट में टॉप पर रहना है तो हर अधिकारी कर्मचारी को 14 घंटे तक काम करना होगा। इसे नौकरी नहीं जनसेवा मानना होगा। टीम ने इन पॉइंट्स पर तैयार की रिपोर्ट…

1.इंदौर में सफाई एवं व्यवस्था
– इंदौर में सफाई कर्मीं 2 शिफ्ट में काम करते हैं। सुबह 6 से 10 बजे तक। फिर दोपहर 2 से 6 बजे तक। 12 सफाई करने वाली मशीनें भी लगाई गई हैं, जो सिर्फ रात में ही काम करती हैं। इनका इस्तेमाल रात 11 बजे से किया जाता है। इनसे हर रोज 400 किलोमीटर सफाई की जाती है। एक मशीन का मंथली किराया सवा 7 लाख रुपए आता है। इंदौर में सफाई कर्मियों की मॉनिटरिंग के लिए हर वार्ड में सफाई दारोगा की नियुक्ति की गई है। उसके ऊपर भी निगरानी के लिए जोनल चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर की व्यवस्था बनाई गई है। फिर उनके ऊपर जिला स्वास्थ्य अधिकारी हैं।

लखनऊ में क्या होगा?
– लखनऊ नगर निगम एरिआ को 8 जोन में बांटा गया है। सफाई कर्मी सुबह दोपहर और शाम 3 शिफ्ट में काम करेंगे। सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच, दोपहर में 12 बजे लंच के बाद से 3 बजे के बीच और शाम को 5 से 8 बजे तक। शाम को सिर्फ ज्यादा भीड़ भाड़ वाले कुछ ही इलाकों को चुना जाएगा, जिनमें बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन एरिआ, टैक्सी स्टैंड इत्यादि।

– वहीं, दोपहर में काम करने वालों को ‘सफाई गैंग’ के नाम से जाना जाएगा। दोपहर 12:30 बजे सभी 8 जोनों के सफाई कर्मियों को गाड़ियों से एक ही जोन में लाया जाएगा। इसके बाद ये सफाई कर्मी इस जोन की हर एक गली, चैराहे और पार्कों की सफाई गैंग बनाकर करेंगे। इस तरह हर जोन को एक दिन चुना जाएगा। ये काम रोटेशन वाइज होगा।

– जेई, एई और अन्य सभी को 14 घंटे स्वेच्छा से काम करने को कहा जाएगा। शुरुआत में इसे 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे की नौकरी के रूप में ही कराने का प्लान है।

2. इंदौर में जनसंख्या व कर्मचारी
– इंदौर की जनसंख्या के 2017 के हिसाब से लगभग 27 लाख 50 हजार है। जिसमें फ्लोटिंग रेट (शहर में आने-जाने वाली जनसंख्या) 3 से 5 लाख तक है। इंदौर निगम में 6500 सफाई कर्मी हैं, जिसमें से 1800 नियमित हैं। बाकी को डेली बेसिस पर रखा गया है।

लखनऊ में जनसंख्या और कर्मचारी
– लखनऊ की आबादी 2011 जनसंख्या के अनुसार 45 लाख है। जिसमें नगर निगमों में रहने वाली जनसंख्या 28 लाख 17 हजार 106 है।

– लखनऊ नगर निगम में 2300 नियमित कर्मचारी हैं। 1 हजार संविदा सफाई कर्मचारी। 3 हजार आउटर्सोसिंग पर रखे गए हैं। 4 झाड़ू लगाने वाली मशीन हैं। आउटसोर्सिंग के जरिए अभी 150 सफाई कर्मचारी और रखे जाने हैं। इन्हीं कर्मचारियों से काम लिया जाएगा।

3. इंदौर में कोआर्डिनेशन
– इंदौर में सफाई कर्मियों के कोआर्डिनेशन के लिए पूरे इंदौर में कुल 6 एनजीओ भी काम करती हैं। जो 4 पहिया गाड़ियों से कूड़ा कलेक्शन करती हैं। एक ही गाड़ी में गीला कचरा और सूखा कचरा के लिए रैक बने होते हैं। इसके लिए एनजीओ हर घर से 11 रुपए लेती है।

लखनऊ में कैसे रखेंगे एनजीओ को
– लखनऊ नगर निगम में कोआर्डिनेशन के लिए 8 एनजीओ हर अलग जोन के लिए हायर किया जाने का प्रस्ताव है। जो प्रोफेशनल तरीके से सफाई की डेली रिर्पोट कर्मचारियों से लेगी और उनसे समस्या पूछकर तत्काल दूर करेगी। साथ ही कूड़ा समय से उठा या नहीं उठा। झाड़ू सही लगी या नहीं इसकी डेली रिर्पोट नगर स्वास्थ्य अधिकारी को देंगे।

4. इंदौर में कूड़ा कलेक्शन, टैक्स व कचरा मैनेजमेंट
– इंदौर में हर महीने के हिसाब से हाउस, वाटर, यूजर टैक्स, सबको भेजा जाता है। सभी घरों से यूजर चार्ज के रूप में 60 रुपए और कामर्श‍ियल संस्थानों से 90 रुपए तथा बड़े संस्थानों से मंथली 1 हजार या उससे भी ज्यादा संस्थान के हिसाब से लिया जाता हैं। पूरे इंदौर शहर में कचरा कलेक्शन के लिए 9 सब स्टेशन अलग-अलग एरिया में बनाए गए हैं। जहां से बिना एक भी कचरा गिरे सीधे ट्रिचिंग प्वाइंट तक ले जाया जाता है। हर रोज 1 हजार टन कचरा इंदौर से निकलता है। जिसे अलग अलग सैग्रीगेट करके सिर्फ खाद बनाई जाती है।

लखनऊ में क्या व्यवस्था
– लखनऊ में सिर्फ इकोग्री संस्था के पास ही कूड़ा कलेक्शन का काम है। जो कि हर घर से 100 रुपए महीने में लेती है। कामर्श‍ियल व अन्य बड़े संस्थानों से ये अमाउंट 1 हजार से 2 हजार तक मंथली है।

– लखनऊ में कूड़ा कलेक्शन के लिए हर एक जोन के लिए अलग संस्था को काम देने की तैयारी है, जिससे समय पर क्वालिटी वर्क हो सके।

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