लखनऊ. मायावती ने निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दिकी को ब्लैकमेलर करार देते हुए कहा- वो सतीश चंद्र मिश्रा के पैर की धूल तक नहीं हैं। बता दें कि 2003 से (14 साल) बहनजी के साथ रहे एडवोकेट मिश्रा कांशीराम के बाद उनके दूसरे सबसे करीबी नेता रहे हैं।
– नसीमुद्दीन सिद्दिकी ने मायावती के साथ सतीश चंद्र मिश्रा पर भी संगीन आरोप लगाते हुए कहा है, “बीएसपी जानबूझकर तबाह की जा रही है। मिश्रा एंड कंपनी पार्टी खत्म कर रही है। वो 2003 से पार्टी में हैं और मैं 1983 से। उनका आरोप है कि मेरे अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं, कोई एक बता दो। उनका कहना है कि 2017 के चुनाव में मैंने कुछ लोगों से रुपए यह कहकर लिए कि हमारी सरकार बनने वाली है और मैं उनके काम करवाऊंगा। किसी एक उद्योगपति का नाम सामने लाओ।”
– उनका कहना है- “मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा ने मेरे सामने कई बार ऐसी अनैतिक मांगें रखीं, जो मेरे बस में नहीं थीं। मुझे टार्चर किया गया, जिसके मेरे पास सबूत हैं। मिश्रा जी ने 6 साल 200 करोड़ की संपत्ति कैसे बना ली, मैं चाहता हूं कि योगी सरकार इस बात की जांच करे।”
कौन हैं सतीश चंद्र मिश्रा
– मूलतः कानपुर के रहनेवाले सतीश चंद्र मिश्रा स्वर्गीय जस्टिस त्रिवेणी सहाय मिश्रा और शकुंतला मिश्रा के बेटे हैं।
– इन्होंने 1970 में कानपुर के क्राइस्ट चर्च इंटरकॉलेज से 12वीं पास की। इसके बाद 1973 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री पूरी की। 1976 में कानपुर यूनिवर्सिटी से इन्होंने LLb पूरी की।
– 1998 से 1999 तक ये यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन रहे।
– दिसंबर 1980 में कल्पना मिश्रा से शादी की। दोनों की चार बेटियां (श्यामली, सुभाश्री, रूपश्री और भाग्यश्री) और एक बेटा (कपिल मिश्रा) है।
ऐसा रहा पॉलिटिकल करियर
– 2003 से बसपा में हैं। उन्हें पार्टी का थिंक टैंक कहा जाता है।
– 2007 में उन्होंने पार्टी की रणनीति चेंज कर उसे विधानसभा चुनावों में जीत दिलाई थी। उन्होंने पार्टी को नया स्लोगन- ‘हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा-विष्णु-महेश है’, दिया था, जिससे पार्टी की कायपलट हो गई थी।
– 2004 से वे बसपा के नेशनल जनरल सेक्रेटरी हैं। इसी साल इनकी एंट्री राज्यसभा में भी हुई। 2016 में इनका चुनाव राज्यसभा में तीसरे टर्म के लिए हुआ।
बेटे-बेटियों के नाम संपत्ति में शामिल नहीं
– 2010 में सबमिट किए राज्यसभा एफिडेविट में सतीश चंद्र मिश्रा ने 24 करोड़ रुपए की संपत्ति शो की।
– 2016 में तीसरी बार राज्यसभा सदस्य बनने पर इन्होंने 193+ करोड़ रुपए की संपत्ति दिखाई।
– दोनों ही बार इन्होंने संपत्ति में बच्चों को शामिल नहीं किया। सिर्फ इनकी पत्नी कल्पना मिश्रा संपत्ति में हिस्सेदार शो की गई हैं।
समधन को दिलाया था टिकट
– 2014 के लोकसभा चुनाव में सतीश चंद्र मिश्रा ने अपनी बेटी की सास अनुराधा शर्मा को झांसी से बसपा का टिकट दिलवाया। उसी सीट से बीजेपी की उमा भारती कंटेस्टेंट थीं।
– पहली बार चुनाव लड़ीं अनुराधा ने एफिडेविट में 31 करोड़ रुपए की संपत्ति शो की थी, जिसमें उनके बेटा-बहू शामिल नहीं थे।
– उनके खुद के नाम पर 103.44 करोड़ और पत्नी कल्पना के नाम पर 89.6 करोड़ की संपत्ति है।
– यही नहीं, उन्होंने खुद पर 17 करोड़ और पत्नी पर 21 करोड़ रुपए का लोन भी शो किया है।