लखनऊ: योगी सरकार अब यूपी के सभी मदरसों पर कड़ी नजर रखेगी। मदरसों की निगरानी के लिए जीपीएस लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि मदरसों में नकली छात्र और कर्मचारी न छिप सकें इसलिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है। वहीं मदरसे में जीपीएस से मानिटरिंग किये जाने को लेकर मुसलमानों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है।
-ऐशबाग ईदगाह के इमाम और खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, “सरकार का काम शिक्षा के क्षेत्र में रुकावट पैदा करने का नहीं होता है, बल्कि शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए काम करना होता है। मदरसा अपनी मानिटरिंग करने में सक्षम में है। इसलिए मदरसे की जीपीएस से मानिटरिंग करने का क्या औचित्य है? मदरसे के काम में हस्तक्षेप करना सही नहीं है।”
-मुस्लिम धर्म गुरू कल्वे जव्वाद ने कहा, “सभी मदरसों में जीपीएस लगाना सही नहीं है। सरकार को अगर किसी मदरसे में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती है, वहां जीपीएस जरुर लगाये। इसमें किसी को भी आपत्ति नहीं होगी। जिस मदरसे में अच्छा काम कर रहे है, वहां पर जीपीएस लगाना ठीक नहीं है।”
-मुस्लिम धर्म गुरु नदीम उल वाजदी ने कहा, “यदि मदरसों में जीपीएस लगाने से वहां के हालात बेहतर होते है तो सरकार जरुर लगाये। लेकिन अगर ये मदरसों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है, ये ठीक बात नहीं है।”
मदरसा बोर्ड का पक्ष
यूपी मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता, “मदरसों में जीपीएस लगाने का अभी कोई आदेश मेरे पास नहीं आया है। आदेश आने के बाद क्या करना है। उस पर विचार किया जाएगा।”
वीडियोग्राफी का हुआ था आदेश
-यूपी सरकार ने 15 अगस्त को प्रदेश के सभी मदरसों की वीडियोग्राफी करने के आदेश दिया था। 15 अगस्त को हर हाल में मदरसों में शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाए और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को संपन्न किया जाए।
-उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद बोर्ड की ओर से 3 अगस्त को जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को एक पत्र भेज कर निर्देश दिया गया था ,”स्वतंत्रता दिवस पर सुबह आठ बजे झंडारोहण एवं राष्ट्रगान होगा। सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इन सभी कार्यक्रमों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराकर जिले के अल्पसंख्यक अधिकारी को सौंपने का भी निर्देश दिया गया था।”
-प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब इस तरह से वीडियोग्राफी कर मदरसों पर नजर रखी गई। बता दें कि इस वक्त उत्तर प्रदेश में लगभग 8000 मदरसे हैं। ये सभी प्रदेश मदरसा परिषद के तहत आते हैं। इनमें से 560 मदरसे ऐसे हैं जो पूरी तरह से सरकार से मिले वित्तीय सहायता पर चलते हैं।