Mau District Supply Officer DSO_Mau becomes new captain of corruption.
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महेज़ तनख़्वाह से निपटेंगे क्या नखरे लुगाई के।
हज़ारों रास्ते हैं सिन्हा साहब की कमाई के ।
ये ‘मैकाले’ के बेटे ख़ुद को जाने क्या समझते हैं,
कि इनके सामने हम लोग ‘थारू’ हैं तराई के। – अदम गोंडवी जी
जी हाँ अदम गोंडवी जी की इन चार लाईनों ने हमारे आस पास के सरकारी तंत्र की कलई खोलने का कार्य बखूबी किया है। आज का तंत्र इतनी बंदिशों के बाद भी किन मजबूरियों से भ्रष्ट है इसका कारण इन चार पंक्तियों में स्पष्ट है। मऊ जिले में हो रहे खद्यान्न घोटाले में अधिकारियों की चुप्पी इस बात को और भी पुख्ता करती है कि आखिर इतने बड़े भ्रष्टाचार पर आंख मूंद कर बैठे जिलापूर्ति कार्यालय के कर्ता-धर्ता जिलापूर्ति अधिकारी पूरे प्रकरण में धृतराष्ट्र की भूमिका क्यों अदा कर रहे। कहीं ये भी भ्रष्टाचारी दुर्योधनों के सगे संबंधी तो नहीं। जो भी हो लेकिन इस भ्रष्ट तंत्र की कालिख में जितने हाथ दुर्योधन के काले होंगे उतनी ही कालिख धृतराष्ट्र के हिस्से भी आएगी।
मऊ जिले में पिछले कई सालों से खद्यान्न अनिमितताओं को लेकर लगातार शिकायतें प्रकाश में आ रहीं हैं। लेकिन उन पर कार्यवाही करने में दिलचस्पी अब तक न तो खद्यान्न विभाग के अधिकारियों ने दिखाई और न ही विभाग के खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग ने। आपको बता दें अनियमितताओं को लेकर शिकायकर्ताओं द्वारा मऊ जिले में जिलापूर्ति कार्यालय में तैनात पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय एवँ लिपिक धीरज कुमार अग्रवाल तथा जिलापूर्ति अधिकारी के अंतर्गत काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारी अजीत सिंह एवं चपरासी नारायण यादव के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश शासन, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राज्यमंत्री खाद्य एवं रसद अतुल गर्ग उत्तर प्रदेश सरकार व मऊ जनपद के प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, प्रमुख सचिव,खाद्य तथा रसद विभाग,उ०प्र० शासन एवं आयुक्त,खाद्य तथा रसद विभाग,उ०प्र० जवाहर भवन,लखनऊ से की गई है। लेकिन अब तक न ही किसी प्रकार की कोई कार्यवाही देखने को मिली है और न ही मऊ जिलापूर्ति कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार पर कोई भी रोक लगी है।
हद तो तब हो गयी जब जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी द्वारा वतर्मान में भी लगातार बिना किसी सत्यापन के निलंबित दुकानों में कार्ड व यूनिट की कटौती की जा रही है व मनमाफिक दुकानों पर कार्ड व यूनिट में हेरफेर कर बड़े पैमाने पर राशन की कालाबाजारी भी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार मऊ जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी द्वारा शिकायकर्ताओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव भी लगातार बनाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो मऊ जिलापूर्ति कार्यालय में बिना किसी सत्यापन के यूनिट कटवाने व बढ़वाने का कार्य प्राइवेट कर्मचारी अजीत सिंह निवासी गाजीपुर जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी के इशारों पर करता है और आपको बता दें जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी इससे पहले गाजीपुर में जिलापूर्ति निरीक्षक के पद पर आसीन रह चुके हैं तथा इनके द्वारा गाजीपुर से ही अजीत सिंह प्राइवेट कर्मचारी को बुला कर कार्यालय में भ्रष्टाचार करवाया जा रहा है।
नाम न बताने की शर्त पर विभाग के ही कर्मचारी ने हमको बताया कि मऊ जिले में खद्यान्न संबंधित अनियमितता पिछले कई वर्षों से चली आ रही है जिसका पूरा फायदा अभी हाल ही में जिले में आये जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी ने बखूबी उठाया है। इनके द्वारा अपने ही परिचित के लोगों को विभाग में बैठा कर धांधली करवाई जाती है। हमारे सूत्र बताते हैं कि तमाम अनियमितताओं के बावजूद भी लक्जरी गाड़ी में चलने वाले व बनारस के आलीशान मकान में रहने वाले इस दबंग छवि के अधिकारी के खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत किसी मे नहीं है। हमारे द्वारा शिकायकर्ताओं से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनके द्वारा हर जगह शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही न होने पर वो सारे सबूतों के साथ न्यायालय से न्याय की गुहार लगायेंगे।
एक बात तो अब साफ है भले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने की बात करके खुद की पीठ थप-थपाते हैं, लेकिन जमीनीस्तर पर सच्चाई कुछ और ही है। अब तो सूबे के हालात भ्रष्टाचार और अपराद्ध के मामलों में और भी बिगड़ते जा रहे हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी अभी कावरियों पर पुष्प वर्षा करने में व्यस्त हैं, उनके पास अपने कैबिनेट के अंतर्गत आने वाले मंत्रालय में हो रही चोरी को संज्ञान लेने का शायद समय नहीं है जिसका पूरा फायदा मऊ जिलापूर्ति अधिकारी जैसे अधिकरियों ने बखूबी उठाना सीख लिया है।