भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद भी सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) संतुष्ट नहीं है। सुभासपा 27 मार्च को बैठक कर भाजपा से गठबंधन जारी रखने पर पुनर्विचार करेगी। सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के पुत्र और पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव अरंविंद राजभर ने रविवार (25 मार्च) को संवाददाताओं को बताया कि पार्टी की एक आपात बैठक आगामी 27 मार्च को लखनऊ में होगी। बैठक में भाजपा के साथ रिश्तों पर भी विचार होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौकरशाही बेलगाम हो गयी है । स्थिति इस कदर भयावह हो गयी है कि आजमगढ़ जिले का एक थानाध्यक्ष नियमानुसार कार्रवाई करने की सिफारिश पर मंत्री ओम प्रकाश राजभर के लिये बोलता है कि वह स्वयं आकर मामला सुलझायें।
राजभर ने बताया कि बैठक में बेलगाम नौकरशाही से निबटने के साथ ही संगठनात्मक विस्तार और अगले माह देवरिया में होने वाले सम्मेलन पर भी विचार होगा । उन्होंने दावा किया है कि राज्यसभा चुनाव के दौरान दल के किसी विधायक ने भाजपा के खिलाफ क्रॉस वोटिंग नहीं की है। बहरहाल, मीडिया रिपोर्ट तथा विरोधी दल के नेताओं के बयान को देखते हुए दल के दो विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है। राजभर ने एक सवाल के जबाब में कहा कि ऐसी सम्भावना है कि बसपा तथा सपा सुभासपा को अपने गठबंधन में शामिल करने करने के लिए ये बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा से सुभासपा को अलग करने के लिये राज्यसभा चुनाव में कथित क्रॉस वोटिंग का मुद्दा उठाया जा रहा है।
बता दें कि हाल में खत्म हुए राज्यसभा चुनाव से पहले ओम प्रकाश राजभर बीजेपी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने राज्यसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी थी। इसके बाद बीजेपी खेमे में हलचल हुई थी और पार्टी अध्यक्ष ने राजभर को मिलने के लिए बुलाया था। अमित शाह से मुलाकात के बाद राजभर संतुष्ट दिखे थे, और उन्होंने राज्यसभा चुनाव में मतदान करने पर हामी भरी थी। माना जा रहा है कि राजभर लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए ज्यादा सीट मांग रहे हैं। सुभासपा की ओर ताजा बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश में नया राजनीतिक घटनाक्रम शुरू हो गया है।