उत्तर प्रदेश पुलिस का अमानवीय रवैया एक बार फिर सामने आया है। मथुरा में पुलिस ने अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। पुलिस की कार्रवाई में पकौड़ा बेचने के लिए ठेला लगाने वाला एक व्यक्ति भी आ गया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों की एक टीम ने पकौड़ेवाले का ठेला पलट दिया था। उस वक्त पकौड़ा तलने के लिए चूल्हे पर खौलते हुए तेल की कड़ाही चढ़ी हुई थी। ठेला पलटने से कड़ाही भी गिर गई थी, जिसकी चपेट में एक आठ साल का मासूम आ गया। इस घटना में बच्चा बुरी तरह झुलस गया। उसे आनन-फानन में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति भारी नाराजगी है। वहीं, पुलिस ने कार्रवाई का बचाव करते हुए पकौड़ेवाले पर गंभीर आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ठेले पर अवैध तरीके से शराब बेचा जा रहा था। पुलिस की हिदायत के बावजूद ऐसा किया जा रहा था, जिसके कारण पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
एनकाउंटर को लेकर सुर्खियों में है यूपी पुलिस: उत्तर प्रदेश पुलिस आजकल ताबड़तोड़ मुठभेड़ को लेकर सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध पर लगाम लगाने का वादा किया था। पद संभालने के बाद से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। कुछ मुठभेड़ पर सवाल भी उठे हैं। आंकड़ों की मानें तो पिछले साल सितंबर तक यूपी पुलिस 420 मुठभेड़ कर चुकी थी। इसमें 15 इनामी अपराधियों को ढेर किया गया, जबकि 800 से ज्यादा कुख्यात अपराधियों को सलाखों को पीछे किया जा चुका था। कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें एनकाउंटर से बचने के लिए अपराधियों ने थाने में जाकर समर्पण कर दिया। हालांकि, विपक्षी दल और मानवाधिकार संगठन योगी सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। इसके बावजूद यूपी पुलिस अपराधियों के खिलाफ नरमी बरतने के मूड में नही है। बता दें कि फरवरी में पुलिस ने 48 घंटे में ताबड़तोड़ 15 एनकाउंटर कर डाले थे। इनमें 24 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि एक को ढेर कर दिया गया था। एनकाउंटर में एसटीएफ को भी लगाया गया है।