अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन उत्तर कोरिया से बातचीत करने का प्रयास कर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। खबर के मुताबिक, डोनाल्ड का यह बयान बीजिंग में टिलरसन के उस बयान के बाद आया है, जिसमें टिलरसन ने कहा था कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के प्रत्यक्ष माध्यम बनाए हैं और अमेरिका, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों से उपजे तनाव को शांत करने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, “मैंने हमारे बेहतरीन विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को बताया है कि वह लिटिल रॉकेटमैन (किम जोंग उन) से बात कर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। अपनी ऊर्जा बचाओ रेक्स। हम वहीं करेंगे, जो किया जाना चाहिए।”
टिलरसन ने बीजिंग में कहा कि अमेरिकी अधिकारी उत्तर कोरिया की बातचीत में शामिल होने की इच्छा की जांच कर रहे हैं। इसके तुरंत बाद विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नॉअर्ट ने वाशिंटन में बयान जारी कर दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए विभिन्न माध्यमों के खुले होने की बात कही।
अभिनेता लिन-मैनुएल मिरांडा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि “राष्ट्रपति सीधे नरक जा रहे हैं।” रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की ‘खराब नेतृत्व’ वाली टिप्पणी से अमेरिकी अभिनेता, गीतकार व नाटककार मिरांडा बेहद खफा हैं, जो तूफान प्रभावित द्वीप के लोगों की मदद के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत रहे हैं। प्यूटरेरिकन मूल के मिरांडा ने ट्वीट किया, “आप सीधे नरक में जा रहे हैं..डोनाल्ड ट्रंप। आप के लिए ज्यादा लंबी लाइन नहीं है। कोई कहेगा, ‘इस तरफ सर’। आपके लिए वे रास्ता साफ कर देंगे।”
मिरांडा ने कहा, “वह (महापौर कारमेन यूलिन क्रूज) लगातार 24 घंटे काम करती रहीं और आप गोल्फ खेलते रहे। आप सीधे नरक में जा रहे हैं।” सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ने दो हफ्ते पहले अमेरिकी क्षेत्र में आए तूफान के मद्देनजर सैन जुआन की महापौर कारमेन यूलिन क्रूज और देश (प्यूटरे रिको) के अन्य अधिकारियों पर इससे निपटने का उचित प्रबंध नहीं करने व खराब नेतृत्व करने का आरोप लगाया था।
राष्ट्रपति ने शनिवार को ट्वीट किया, “सैन जुआन की महापौर जो कुछ दिनों पहले तक बहुत प्रशंसापूर्ण थीं, उन्हें अब डेमोक्रेट्स द्वारा बताया गया है कि आपको ट्रंप के लिए बुरा जरूर बनना चाहिए।” उन्होंने कहा, “प्यूटरे रिको में सैन जुआन की महापौर और अन्य की खराब नेतृत्व क्षमता..जो अपने कर्मचारियों से लोगों को सहायता पहुंचाने में सक्षम नहीं हैं। वे सब कुछ अपने लिए करवाना चाहते हैं, जबकि यह एक सामुदायिक प्रयास है।”