अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान पर फेंके गए गैर परमाणु बम (एमओएबी) का असर पाकिस्तान पर भी पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुरुवार को छोड़े गए ‘मदर अॉफ अॉल बॉम्ब’ के कारण कुर्रम एजेंसी में इमारतों को नुकसान पहुंचा है। कई घरों के अलावा मलाना गांव की मस्जिद और इमामबरगाह में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। बर्फ से ढकी इस जगह को अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत और पाकिस्तान के कुर्रम आदिवासी इलाके के बीच प्राकृतिक सीमा माना जाता है।
अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि एमओएबी ने अचिन जिले में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के बेस को निशाना बनाया था। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक एमओएबी के कारण 90 लोगों की जान चली गई है और आईएस का इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है। शुरुआत में मरने वालों की संख्या 36 बताई गई थी। मलाना गांव के रहने वालों ने पाकिस्तानी अखबार द डॉन को बताया कि उन्होंने एक धमाके की आवाज सुनी, जिसने उनके घरों को हिलाकर रख दिया। मुहम्मद हसन ने कहा कि हमने हल्के झटके महसूस किए, लेकिन हमें यह पता नहीं था कि इसके पीछे एक बम है। उन्होंने कहा कि इलाके की मस्जिदों और कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। जेरान इलाके में भी घरों को नुकसान पहुंचने की खबर है।
9/11 के हमले के बाद अचिन जिले के ही तोरा-बोरा इलाके में अलकायदा पर अमेरिकी सेनाओं ने बमबारी की थी। एमओएबी गिराए जाने के बाद पूरी दुनिया हैरान थी। कई लोगों ने अफगानिस्तान में बम गिराए जाने की कड़ी आलोचना भी की थी। अचिन जिले के गवर्नर इस्माइल सिनवारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि बमबारी में 92 आईएस के लड़ाके मारे गए हैं और 3 सुरंगे, जिसमें आतंकी छिपे थे, वे तबाह हो गई हैं।
यूएस ने गुरुवार (13 अप्रैल) को अफगानिस्तान पर GBU-43 बम गिराया था। यह सबसे बड़ा गैर परमाणु बम था, जिसे ‘मदर ऑफ ऑल बम’ के नाम से भी जाना जाता है। अमेरिका ने कहा था कि वह बम आईएस पर निशाना बनाते हुए गिराया गया था। बम का वजन 9,797 किलो बताया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने अफगानिस्तान में बम गिराए जाने की अनुमति दी थी और उन्होंने इस अभियान को अत्यंत सफल करार दिया था । ट्रंप ने वाइट हाउस में कहा था, यह वास्तव में एक सफल अभियान रहा। हमें हमारी सेना पर गर्व है।