Friday, March 28, 2025
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अमेरिका ने अपने नागरिकों को जारी किया एडवायजरी

SI News Today

अमेरिका और छह खाड़ी देशों ने लश्करे तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों का वित्तपोषण रोकने के लिये समझौता किया है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘अमेरिका और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के छह सदस्य देशों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक दौरे के दौरान रियाद में इससे संबंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। अमेरिका के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों देशों में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सउदी अरबिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने आतंकवाद वित्तपोषण लक्षित केन्द्र (टीएफटीसी) स्थापित करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि इसके साथ ही अमेरिका और जीसीसी के छह सदस्य देश ‘आईएसआईएस, अलकायदा, हिजबल्लाह, लश्करे तैयबा, तालिबान, हक्कानी नेटवर्क जैसे नये तथा उभरते आतंकवादी संगठनों से मुकाबला करेंगे।’ बयान में कहा गया कि यह गठबंधन ईरान, असद शासन और यमन की स्थिति समेत पश्चिम एशिया से उत्पन्न अन्य खतरों से भी निपटेगा।

बता दें कि 2 दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि दुनिया के तीन महान धर्मों से संबद्ध देशों की उनकी आने वाली विदेश यात्रा का लक्ष्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभ्य देशों को एकजुट करना है। सऊदी अरब, इस्राइल, वेटिकन, बेल्जियम और इटली सहित नौ देशों की यात्रा पर रवाना ट्रंप ने अपने सप्ताहिक वेब और रेडियो के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए कहा कि वह अमेरिका के लोगों के विचारों का स्पष्ट और साफ तौर पर प्रतिनिधित्व करेंगे।

ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं विभिन्न देशों के नेताओं के साथ हमारी पुरानी दोस्ती को मजबूत करने, नई साझेदारियां तैयार करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभ्य देशों को एकजुट करने के लिए यात्रा करूंगा।’’

राष्ट्रपति की यात्रा से पहले ही यह संबोधन रिकॉर्ड हो गया था और उनके रियाद रवाना होने के बाद यह जारी किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सबसे पहले मुस्लिम दुनिया के दिल सऊदी अरब में रूकूंगा। मैं दुनिया के 50 से ज्यादा मुस्लिम देशों के नेताओं को संबोधित करूंगा।

ट्रंप ने कहा कि दुनिया के कई नेताओं ने बढ़ते आतंकवाद को लेकर, कट्टरपंथी सोच के फैलाव और ईरान के इन दोनों का वित्त पोषण करने को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा, ‘‘अब ऐसा सामने आया है कि मुस्लिम नेता अपने क्षेत्रों में आतंकवाद से लड़ाई के लिए ज्यादा जिम्मेदारी लेने और अहम योगदान अदा करने के लिए तैयार हैं। अब समय आ गया है कि हम साथ मिलकर इसे करेंगे।’’

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