उत्तर कोरिया ने अब तक की सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण का आज जश्न मनाते हुए कहा कि यह ‘‘भारी परमाणु हथियार’’ ले जाने में सक्षम है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस मिसाइल की जद में अमेरिका भी आता है। आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने कहा कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कल खुद परीक्षण होते हुए देखा और सरकारी मीडिया द्वारा जारी तस्वीरों में वह परीक्षण से पहले मिसाइल की ओर देखते हुए दिखे। अन्य तस्वीरों में वह ह्वासोंग-12 नाम की ब्लैक मिसाइल के आकाश की ओर बढ़ने के बाद प्रसन्नतापूर्वक अधिकारियों और कर्मचारियों से हाथ मिलाते हुए दिखे। उल्लेखनीय है कि अपनी परमाणु महत्वाकांक्षा एवं मिसाइल कार्यक्रम के कारण अलग-थलग पड़ चुके उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र ने कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं।
केसीएनए ने बताया कि यह मिसाइल 2,111.5 किमी की ऊंचाई तक गयी और इसने जापान सागर (पूर्वी सागर) में गिरने से पहले 787 किमी की दूरी तय की। विशेषज्ञों ने बताया कि अगर इसे अधिकतम दूरी के लिए छोड़ा जाता है तो इसकी दूरी 4,500 किमी या इससे अधिक हो सकती है। अमेरिका के मिड्लबरी इंस्टीट्यूट आॅफ इंटरनेशनल स्टडीज के जेफरी लेविस ने एएफपी को बताया कि यह उत्तर कोरिया की ओर से प्रक्षेपित की गई सबसे लंबी दूरी तक मार कर सकने वाली मिसाइल है। एक वेबसाइट 38 नॉर्थ पर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विशेषज्ञ जॉन सिचलिंग ने कहा कि यह मध्यम दूरी की क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल प्रतीत होती है जो गुआम के अमेरिकी बेस तक हमला करने में सक्षम है।उत्तर कोरिया का कहना है कि उसे आत्मरक्षा के लिए परमाणु हथियारों की जरूरत है। लेकिन समझा जाता है कि वह अमेरिका तक परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मिसाइल विकसित करना चाहता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ऐसा नहीं होने देने’ का संकल्प जाहिर किया है। पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका का कहना है कि सैन्य कार्रवाई के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया का रवैया भी धमकी भरा है, जिससे संघर्ष की आशंका बढ़ गयी है। ट्रंप अपना रूख लचीला करते हुए उस समय बातचीत के दरवाजे खोलते प्रतीत हुए, जब उन्होंने कहा कि वह किम से मिल कर ‘‘सम्मानित’’ महसूस करेंगे। साथ ही उन्होंने किम को ‘‘स्मार्ट कुकी’’ भी बताया।
पिछले सप्ताह दक्षिण कोरिया में मून जे इन नए राष्ट्रपति बने जिन्होंने उत्तर कोरिया के साथ सुलह की वकालत की और अपने शुरूआती संबोधन में कहा कि वह तनाव दूर करने के लिए ‘‘सही परिस्थितियों में’’ उत्तर कोरिया जाना चाहते हैं लेकिन उत्तर कोरिया के कल के परीक्षण ने एक बार फिर सबका रूख बदल दिया और सभी ने इस परीक्षण को उकसावे की कार्रवाई बताया है।