प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की को रोहिंग्या मसले पर एक सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि सू की इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि अच्छी है। वह इसे संभाल कर रखें। रविवार को इस बात की जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ हुई मुलाकात में दी। स्वराज बांग्लादेश-भारत संयुक्त सलाहकार आयोग की बैठक में हिस्सा लेने पड़ोसी मुल्क पहुंची थीं। स्वराज के बयान का हवाला देते हुए शेख हसीना के प्रेस सचिव इहसानुल करीम ने प्रेट्र से बताया कि उन्होंने (मोदी) ने उनसे (सू की) कहा था कि उनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छी छवि है। वह उसे खराब न होने दें। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पीएम मोदी ने यह बात कब कही थी।
हालांकि, बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया कि यह बात पिछले महीने पीएम मोदी ने कही थी। वह तब अपने द्विपक्षीय दौरे पर म्यांमार गए थे, जहां उनकी मुलाकात सू की से हुई थी। करीम के मुताबिक, सुषमा ने बांग्लादेश के इस रुख पर समर्थन जताया है, जिसमें कहा गया है कि म्यामांर को अपने नागरिकों को वापस स्वीकारना चाहिए और आतंकवाद से निपटने के दौरान मासूम लोगों को दंड नहीं देना चाहिए।
स्वराज ने आगे कहा कि यह बांग्लादेश के लिए बड़ा बोझ होगा, और कब तक वह इसे ढोएगा? उनके लिए स्थाई तौर पर हल निकाला जाना चाहिए। अंतराष्ट्रीय समुदाय को भी रखाइन राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए आगे आना चाहिए। सुषमा बांग्लादेश दौरे पर वहां की पूर्व पीएम खालिदा जिया से भी मिलीं। खालिदा के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने 2014 में चुनाव का बहिष्कार कर दिया था।