हाल ही हुए मैनचेस्टर हमले के बारे में सभी जानते हैं, जिसमें 22 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हमला करने वाला हमलावार जो कि लीबिया के एक रिफ्युजी परिवार से ताल्लुख रखता है। मैनचेस्टर का हमलावार सलमान अबेदेई महज 22 साल का है, जिसने यूनिवर्सिटी में बिजनेस की पढ़ाई की है। यह दिमाग हर किसी के जेहन में है कि आखिर इतनी कम उम्र में एक शरणार्थी परिवार का बेटा आतंकी गतिविधियों में कैसे लिप्त हो गया। आखिरकार इस तरह की गतिविधियां सलमान के अंदर कहां से आईं। बताया जाता है कि पहले अबेदेई एक आम स्टूडेंट ही था लेकिन बाद में उसके अंदर ऐसा बदलाव आया।
अबेदेई पहले अपनी मां समिया तब्बल, पिता रमजान आबेदई और एक भाई इस्माइल अबेदेई के साथ रहता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसका एक छोटा भाई हाशिम अबेदेई और एक बहन जोमाना भी है। जो त्रिपोली से हैं और मैनचेस्टर में रहते हैं। इस घटना के बाद अबेदेई के पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। अबेदेई के दोस्त का मानना है कि पढ़ाई के दौरान वह काफी हसमुख स्वभाव वाला था लेकिन, जबसे उसने मैनचेस्टर इस्लामिक सेंटर में भाग लिया था तभी से उसमें बदलाव आना शुरू हुआ। मैनचेस्टर इस्लामिक सेंटर को डिड्सबरी मस्जिद भी कहा जाता है। जहां से अबेदेई कथित तौर पर एक इमाम से मिला, लिहाजा उसी से मिलने के बाद आबेदी के अंदर धार्मिक कट्टरता बढ़ने लगी। कॉलेज छोड़ने के बाद ड्रग्स जैसी चीजों का भी सेवन करने लगा था।
मीडिया रिपोर्टस की मानें तो किसी के अंदर एक दम से इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने जैसी घटनाएं यूरोप के कई आतंकवादियों के अंदर देखने को मिली हैं। पेरिस और ब्रसल्स में हुए आतंकी हमलों के पीछे ISIS के जिस सुपर सेल का हाथ था। उन आतंकियों में भी कई ड्रग डीलर्स शामिल थे। इंटरनेशनल सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ रैडिकलाइजेशन के मुताबिक, यूरोप के आधे से ज्यादा आतंकवादियों को ISIS के लिए उन्हें अपनी ओर मोड़ना और जिहाद के नाम पर उन्हें खुद के साथ जोड़ना आसान हो जाता है।
सलमान के बारे में भी अमेरिकी खुफिया अधिकारी का कहना है कि उसकी पहचान उसके बैंक कार्ड के आधार पर हुई, जो घटनास्थल पर मिला था, जिससे पता चला कि अबेदेई का परिवार लीबिया मूल का है। एनबीसी न्यूज ने अधिकारी के हवाले से बताया कि उसकी पहचान की पुष्टि चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक से हुई। अधिकारी ने कहा कि अबेदेई 12 महीनों में जिन देशों में गया था, लीबिया भी उनमें से एक है और उसके अलकायदा के साथ स्पष्ट रूप से संबंध रहे हैं। खुफिया अधिकारी के अनुसार, उसके अपने परिवार के लोगों ने ब्रिटिश अधिकारियों को बताया था कि वह खतरनाक शख्स है। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अबेदेई का बम बड़ा और प्रभावी था, इसे बनाने में जो सामग्री लगती है, वह ब्रिटेन में मुश्किल से मिलती है, उसने 20,000 लोगों की भीड़ को निशाना बनाने के लिए जरूर किसी की सहायता ली होगी।