आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ ने कहा है कि शहीद लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या में उनके संगठन का कोई हाथ नहीं है। शुक्रवार को हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ सय्यद सलाहुद्दीन ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के इस दावे को खारिज कर दिया कि ऑफिसर की हत्या में इस आतंकी संगठन के तीन लोग शामिल थे। एक स्थानीय न्यूज एजेंसी को दिए बयान में सलाहुद्दीन ने कहा कि लेफ्टिनेंट फयाज की हत्या में हमारे लोग शामिल नहीं है। इस तरह की हत्या की निंदा होनी चाहिए।
हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ ने भारतीय एजेंसियों पर आफिसर की हत्या का आरोप लगाया। उसने कहा कि हिजबुल मुजाहिद्दीन पर इस हत्या का आरोप इसलिए लगाया गया ताकि भारतीय एजेंसियों का असली चेहरा सामने ना आ पाए। सलाहुद्दीन ने दावा किया कि भारत उग्रवादियों को बदनाम करने के लिए ISIS जैसे ग्रुप तैयार करने की कोशिश कर रहा है। कश्मीर को आजादी दिलाने की लड़ाई में अल कायदा, आईएसआईएस और तालीबान का कोई हाथ नहीं है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को तीन कथित हिजबुल मुजाहिद्दीन के सदस्यों के पोस्टर जारी किए थे।
तीनों संदिग्धों के नाम इशफाक अहमद, ग्यस्सुल इस्लाम और अब्बास अहमद थे। संदिग्धों के पोस्टर दक्षिणी कश्मीर के कई इलाकों में लगाए गए थे। पुलिस ने इनकी जानकारी देने पर ईनाम भी रखा है। बता दें कि शोपियां जिले में युवा कश्मीरी सैन्य अधिकारी उमर की मंगलवार रात हत्या कर दी गई। उमर अपने मामा मोहम्मद मकबूल की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए आए थे, यहीं से उन्हें अगवा कर लिया गया था। अगली सुबह उनका गोलियों से छलनी शव मिला था। वो दो राजपुताना राइफल्स यूनिट की कमान संभाल रहे थे। ऐसा करने वाले वो सबसे कम उम्र के अधिकारी थे।