Friday, March 29, 2024
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विदेश में रहने वाले भारतीयों ने देश में भेजा रिकॉर्ड डॉलर

SI News Today

दुनिया भर में काम करने वाले भारतीयों ने बीते साल 62.7 अरब डालर स्वदेश भेजे जो इसी अवधि में चीन समेत किसी अन्य देश को मिले विदेशी मनीआर्डर में सबसे ऊपर रहा। संयुक्त राष्ट्र की इकाई कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष आईएफएडी ने अपने एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के कुल लगभग 20 करोड़ प्रवासियों ने 2016 में अपने अपने घरों को कुल 445 अरब डालर धन प्रेषित किया। इससे दुनिया में लाखों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर आने में मदद मिली।

रपट में कहा गया है कि बीते दशक में रेमिटेंस प्रवाह औसतन 4.2 प्रतिशत वार्षिक की दर से बढा है और यह 2007 में 296 अरब डालर से बढ़कर 2016 में 445 अरब डालर हो गया। अपनी तरह के इस अध्ययन में 2007 से 2016 के दस साल में विस्थान व रेमिटेंस प्रवाह का विश्लेषण किया गया है। इसके अनुसार आलोच्य अवधि में विदेशों से प्रवासियों द्वारा भेजे गए कुल मनीआर्डर का 80 प्रतिशत धन 23 देशों को मिला। इनमें भारत, चीन, फिलिपीन, मेक्सिको व पाकिस्तान प्रमुख हैं।

वहीं जिन देशों से सबसे अधिक मनीआर्डर भेजे गए उनमें अमेरिका, सउदी अरब व रूस प्रमुख है। अध्ययन के अनुसार 2016 में भारत विदेश से सबसे अधिक मनीआर्डर पाने वाला देश रहा। उसे 62.7 अरब डालर धन मिला। उसके बाद चीन का नंबर रहा जिसे कुल 61 अरब डालर की राशि मिली। इसके बाद फिलीपीन को 30 अरब डालर व पाकिस्तान को 20 अरब डालर धन मिला। इसके अनुसार 2007- 2016 के दशक में भारत ने विदेशी मनीआर्डर पाने के मामले में चीन को पछाड़ दिया।

इससे पहले भारत को 2015 में सबसे ज्यादा मनीआर्डर मिला था। हालांकि, उस समय इस स्रोत से भारत की कमाई सिर्फ एक अरब डॉलर ही हुई थी, जो बेहद कम था। इससे पहले 2009 में गिरावट देखी गई थी। विश्व बैंक की रपट के अनुसार, ‘दक्षिण एशियाई क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और विश्व में सर्वाधिक मनीऑर्डर पाने वाले देश भारत को मिलने वाले मनीऑर्डर में वर्ष 2015 में 2.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

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