Saturday, April 20, 2024
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आखिर क्यों कहा भारत सरकार ने कि केरल की बाढ़ के कहर पर न लें विदेशी मदद ?

SI News Today

After all, why did the Indian Government not take the help of foreign aid in the floods of Kerala?

  

बाढ़ से पीड़ित केरल की सहायता के लिए दुनिया भर के लोग आगे आ रहें हैं। लेकिन भारत सरकार का कहना है कि केरल से विदेशी सरकारों से आ रही सहायता न ले। जानकारी के मुताबिक पता चला है कि सरकार ने एक मेल जरिये कहा है कि 2004 से भारत में यह परंपरा है कि घरेलू आपदाओं में सरकार स्व-संसाधनों से निपटती है व विदेश से तब तक किसी प्रकार की सहायता नहीं लेती, जब तक उसे जरूरत नही होती।

आपको बता दे कि यह फैसला तब लिया गया जब मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात लगभग 700 करोड़ रुपये  वित्तीय सहायता केरल को देने की पहल की थी । जिस पर सरकार ने कहा कि अगर कोई देश मदद के लिए अपने हांथ बढ़ाता है तो उसका शुक्रिया करना चाहिए। इसके आगे सरकार का कहना है कि जब तक भारत सरकार को जरूरत ना हो तब तक सहायता ना लें। दरअसल कुछ दिनों पहले ही केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा था कि UAE के प्रधानमंत्री व शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम ने पीएम मोदी को फोन कर सहायता की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि यूएई ने राज्य के पुननिर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की सहायता देने को कहा है और यूएई ने ऐसे समय में सहायता का हाथ बढ़ाया है जिसके लिए हम उनका शुक्रियादा करते हैं।

वहीं पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर यूएई का शुक्रिया किया है। उन्होंने कहा कि, शेख मोहम्मद बिन राशिद मख्तूम की ओर से केरल के ऐसे बुरे समय में की गई सहायता के लिए शुक्रिया। साथ ही उन्होंने कहा कि  यह समय भारत और UAE के बीच अच्छे संबंधों को बताता है। दरअसल 2004 में सुनामी के समय तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि भारत सुनामी के कहर से निकलने में सक्षम है और जब जरूरत पड़ेगी तो सहायता ले ली जाएगी। फिलहाल 2004 की नीति को देखते हुए भारत सरकार ने उत्तराखंड त्रासदी समय भी रूस की मदद की लेने से साफ मना कर दिया था।

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