Thursday, October 3, 2024
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चीन की बढ़ती गतिविधियो को देखते हूए हिंद महासागर को लेकर भारत और फ्रांस करेंगे अहम रणनीतिक घोषणा…

SI News Today

चीन की बढ़ती गतिविधियो की वजह से हिंद महासागर अभी वैश्विक कूटनीति में चर्चा के केंद्र में है। ऐसे में भारत भी इस पूरे क्षेत्र में अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार नए रणनीतिक कदम उठा रहा है। इस क्रम में शनिवार को भारत और फ्रांस के बीच हिंद महासागर में रणनीतिक सहयोग को लेकर एक अहम घोषणा होने की संभावना है।

यह घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैनुएल मैकरान के बीच होने वाली द्विपक्षीय बातचीत के बाद होगी। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी 20 वर्षो से है लेकिन हिंद महासागर को लेकर होने वाले समझौता बिल्कुल नए किस्म का होगा। यह समझौता दोनों देशों की नौ सेनाओं के लिए एक दूसरे के सैन्य अड्डे के इस्तेमाल का रास्ता खोल सकता है।

रणनीतिक सहयोग होगा सबसे अहम

राष्ट्रपति मैकरान व उनकी पत्नी ब्रिगिट मैकरान अपनी पहली भारत यात्रा पर शुक्रवार को देर शाम नई दिल्ली पहुंचेंगे। उनके भव्य स्वागत की तैयारी है। पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं राष्ट्रपति मैकरान के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारेंगे। मैकरान मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी जाएंगे जहां वह मिर्जापुर में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सोलर पार्क की आधारशिला रखेंगे। वाराणसी में मोदी और मैकरान की एक व्यक्तिगत भोज में भी बातचीत होगी। इसके पहले रविवार को इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) की पहली बैठक में भी दोनो नेता साथ रहेंगे। इस तरह से मोदी और मैकरान के बीच कई दौर में द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर बातचीत होगी। इसमें रणनीतिक मुद्दा सबसे ज्यादा प्राथमिकता वाला होगा।

चार देशों का गठबंधन बनाने की कोशिश

हिंद-प्रशांत महासागर में हाल ही में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के बीच चार देशों का गठबंधन बनाने की कोशिश शुरु हुई है जिसको लेकर चीन की तरफ से बेहद तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। भारत और अमेरिका अंदरखाने में यह कोशिश कर रहे हैं कि इस गठबंधन में कुछ यूरोपीय देशों को भी शामिल किया जाए। इससे गठबंधन को ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता मिलेगी। मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ जब बात करेंगे तो इस मुद्दे को भी उठाएंगे। फ्रांस के उच्चस्तरीय सूत्रों के मुताबिक ”हम चार देशों के गठबंधन को लेकर खुले मन से सोच रहे है लेकिन फिलहाल हिंद महासागर में भारत के साथ रणनीतिक सहयोग पर हम ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं।

लेकिन इसका मतलब यह नही हैं कि हम दूसरे विकल्पों के लिए रास्ता बंद कर रहे हैं।” सनद रहे कि फ्रांस ने भारत को वर्ष 1998 में तब रणनीतिक साझेदार बनाया था जब परमाणु परीक्षण की वजह से दुनिया के अधिकांश देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगाया था। उक्त सूत्रों के मुताबिक फ्रांस और भारत के बीच नए रणनीतिक रिश्तों का आयाम ज्यादा व्यापक व वैश्विक होगा। फ्रांस भारत को एक अहम वैश्विक शक्ति के तौर पर देखता है और उसी हिसाब से समझौता भी किया जाएगा।

भावी रणनीति को लेकर भी मोदी और मैकरान के बीच होगी बातचीत

मोदी और मैकरान के बीच बातचीत में रक्षा उपकरणों व युद्धक जहाजों के खरीद का मुद्दा भी अहम रहेगा। मैकरान के साथ फ्रांस की 50 बड़ी कंपनियों के सीईओ भी आ रहे हैं। इसमें हथियार बनाने वाली कुछ कंपनियों के सीईओ भी शामिल हैं। दोनों देशों के अगुवाई में गठित आईएसए की भावी रणनीति को लेकर भी मोदी और मैकरान के बीच बातचीत होगी। फ्रांस की कंपनी के सहयोग से लगाये जाने वाले आण्विक ऊर्जा प्लांट को लेकर भी एक समझौते दोनो देशों के बीच होगा। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच इस प्लांट को लेकर आने वाली दिक्कतों को दूर कर लिया गया है।

 

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