बृहस्पति ग्रह की ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण भूमिका है और इसकी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नवग्रहों में बृहस्पति को सबसे बड़ा और प्रभावशाली ग्रह माना जाता है। इसी के साथ इसे आकाश तत्व का स्वामी भी माना जाता है। इन्हीं सबके कारण बृहस्पति को गुरु कहा जाता है। बृहस्पति को धनु और मीन राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। कर्क राशि में भी इसका अधिकार माना जाता है लेकिन मकर राशि में इस ग्रह का प्रभाव कम होता है। लेकिन आपको बता दें कि ये ग्रह जीवन में हमेशा खुशियां लेकर आएगा ऐसा संभव नहीं है। ये ग्रह जब बिगड़ता है तो अच्छे से अच्छे व्यक्ति के जीवन में समस्याएं आनी शुरु हो जाती हैं। ऐसा कोई भी ग्रह नहीं है जो जीवन में हमेशा अच्छा दे, हर ग्रह थोड़ा अच्छा तो थोड़ा बुरा होता है। इसी तरह जब बृहस्पति बिगड़ता है तो वो अनेक तरह के रोग दे जाता है।
बृहस्पति जब रोग कारक बनता है तो वो किसी के आसानी से संतान नहीं होने देता है। स्त्री और पुरुष दोनों मे ही संतान उत्पन्न करने की क्षमता को प्रभावित करता है। यदि संतान उत्पन्न हो जाती है तो पैदा होने के बाद उसका स्वास्थय कमजोर रहता है। उसे मानसिक या शारीरिक किसी भी तरह की समस्या हो सकती है। जब किसी का बृहस्पति खराब होता है तो उसे लिवर की समस्या हो सकती है। खराब बृहस्पति के कारण शरीर में मोटापा भी आ सकता है जिससे कई बिमारियां लग सकती है। बृहस्पति के कारण शरीर में सर्दी भी बढ़ने लगती है जिसमें उन्हें हमेशा जुकाम-खांसी आदि की शिकायत रहती है। इस कारण शरीर में आलस्य आने लगता है। छोटे बच्चों को 12 वर्ष से पहले निमोनिया भी हो सकता है, साथ ही शरीर में पानी की कमी भी होने लगती है।
बृहस्पति के कारण दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार ये पति-पत्नी के रिश्तों में भी खटास बढ़ा देता है। बृहस्पति रोग बढ़ाता है लेकिन इसे ठीक करने के भी इसी से जुड़े उपाय भी हैं। बृहस्पति तली हुई चीजों को खिलाने की इच्छा बढ़ाता है अपना स्वास्थय ठीक रखने के लिए तली हुई चीजों को खाने से बचना चाहिए। पेट की समस्या सही करने के लिए भोजन के साथ पानी नहीं पिएं। इसके साथ ही हर बृहस्पतिवार के दिन मंदिर में जाकर हल्दी दान करनी चाहिए। इसके साथ ही गाय की सेवा करते हैं तो इस दिन गाय को गुड़ खिलाएं। पढ़ाई-लिखाई की चीजें बांटने से भी बृहस्पति ठीक होता है। इसके साथ ही पीले रंग का फूल अपने बड़ों, माता-पिता या किसी गुरु को अर्पित करते हैं और ऊं का जाप करते हैं उनको बृहस्पति से लाभ होने लगता है। ऊं ब्रह्म बृहस्पताय नमः का जाप करने से बृहस्पति हमेशा ठीक रहता है।