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जानिए सेक्शुअल डिस्फंक्शन से जुड़े चार लक्षण, महिलाओ के लिए जरुरी…

सेक्शुअल डिसफंक्शन की समस्या किसी भी उम्र के महिलाओं और पुरुषों में हो सकती है। आजकल की जीवनशैली भी कहीं न कहीं लोगों की सेक्शुअल लाइफ को प्रभावित कर रही है। एक अध्ययन का अनुमान है कि दुनिया भर में तकरीबन 43 प्रतिशत महिलाएं तथा 31 प्रतिशत पुरुष सेक्शुअल समस्याओं से ग्रस्त होते हैं। भारत में यूं तो किसी भी तरह की सेक्स समस्या पर खुलकर आज भी कम ही बात की जाती है लेकिन बात जब महिलाओं की आती है तो यह स्थिति और जटिल हो जाती है। पुरुषों की सेक्स समस्याओं की सामाजिक स्वीकार्यता महिलाओं के मुकाबले ज्यादा होती है। ऐसे में महिलाएं किसी भी तरह की यौन समस्या से ग्रस्त होने पर भी उसका खुलासा करने से हिचकती हैं। ऐसे में बेहतर इलाज न हो पाने की स्थिति में गंभीर रोगों की चपेट में भी आ जाती हैं। महिलाओं में सेक्शुअल डिसफंक्शन से जुड़ी समस्याओं में ऑर्गेज्म, उत्तेजना और कामेच्छ संबंधी समस्याएं तथा वेजिनल ड्राइनेस आदि शामिल हैं। आज हम ऐसी ही कुछ समस्याओं के बारे में बात करने वाले हैं।

महिलाओं में सेक्शुअल डिसऑर्डर –
1. वेजिनल ड्राइनेस – वेजिनल ड्राइनेस हार्मोनल बदलावों के चलते होने वाली एक समस्या है जो अक्सर किसी भी महिला को स्तनपान कराने के दौरान या फिर मीनोपॉज के दौरान हो सकती है। ऐसी किसी भी परेशानी के वक्त तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है।

2. कामेच्छा में कमी – महिलाओं में मीनोपॉज के बाद कामेच्छा में कमी आती ही है लेकिन यह केवल ज्यादा उम्र की महिलाओं की ही समस्या नहीं कही जा सकती है। 30- 50 साल की उम्र के बीच की कई महिलाओं में लो लिबिडो की समस्या देखी गई है। डायबिटीज, लो ब्लड प्रेशर, किसी तरह की मनोवैज्ञानिक समस्या या फिर अनहैप्पी रिलेशनशिप की वजह से लो लिबिडो की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है।

3. उत्तेजना संबंधी समस्या – महिलाओं में उत्तेजना संबंधी समस्या के कई कारण हो सकते हैं। किसी तरह का तनाव उन्हें उत्तेजित करने में बाधक हो सकता है। इसके अलावा वेजिनल ड्राइनेस, फोरप्ले का अभाव आदि भी अराउजल प्रॉब्लम यानी कि उत्तेजना संबंधी समस्या का कारण हो सकता है। साथ ही पुरुष पार्टनर के सेक्शुअल इश्यूज मसलन – इरेक्टाइल डिसफ्ंक्शन या प्रीमैच्योर इजैकुलेशन आदि भी इस समस्या की वजह हो सकते हैं।

4. ऑर्गेज्म संबंधी समस्या – एक शोध के मुताबिक मीनोपॉज से पहले तकरीबन पांच प्रतिशत महिलाओं को ऑर्गेज्म से संबंधित समस्या होती है। ऐसा हार्मोन्स में बदलाव, अपर्याप्त फोरप्ले, किसी तरह के मेडिकेशन या फिर किसी जटिल बीमारी की वजह से हो सकता है। ऐसी अवस्था में चिकित्सकीय परामर्श बेहद जरूरी है।

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