रोहतक जेल में 10 साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद भी बलात्कारी बाबा कोर्ट रूम से बाहर नहीं जा रहा था। वो लगातार जज जगदीप सिंह से रहम की भीख मांग रहा था। वो बार-बार जज के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रहा था, मुझे माफ कर दो, गलती हो गई लेकिन जज का दिल नहीं पसीजा। इसके बाद गुरमीत राम रहीम सिंह कोर्ट रूम में ही बैठकर रोने लगा। इससे पहले उसने बीमारी का भी बहाना बनाया मगर कोर्ट रूम में पहुंची मेडिकल टीम ने जांच कर उसे मेडिकली फिट करार दे दिया इसके बाद पुलिस के जवान उसे घसीटते हुए जेल के बैरक तक ले गए, जहां वो पिछले दो दिनों से कैदी नंबर 1997 बनकर रह रहा है।
राम रहीम के वकील ने जज से गुजारिश की कि राम रहीम समाजसेवी हैं, इसलिए उन्हें माफी दी जाय। बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट को यह भी दलील दी कि बाबा ने स्वास्थ्य शिविर लगवाए, रक्त दान कैम्प लगवाए हैं। इस पर जज ने कहा, लगवाए होंगे और किए होंगे सामाजिक काम लेकिन उन्होंने बलात्कार भी किया है, इसलिए उन्हें सजा भी मिलेगी। इससे पहले जज ने दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया। सीबीआई के वकील ने मामले में अधिकतम सजा देने की मांग करते हुए राम रहीम को उम्रकैद देने की मांग की थी।
आईपीसी की तीन धाराओं 576, 506 और 509 के तहत दोषी बाबा को पहले में 10 दूसरे में एक और दो साल यानी कुल 13 साल की सजा सुनाई गई है लेकिन ये सभी सजा एक साथ चलेगी। इसके अलावा बाबा पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जज ने हेलीकॉप्टर में बाबा की बेटी हनीप्रीत को साथ लाने पर फटकार लगाई साथ ही दो सूटकेस लाने पर भी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद कोर्ट ने जेल से बाबा के दोनों सूटकेस मंगवाकर बाबा के वकील को दे दिए।