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दिवाली: इस दिवाली साथियों को दें कुछ अलग और नए गिफ्ट्स…

दिवाली सिर्फ एक दिन की नहीं होती है, ये एक पंचदिवसीय त्योहार है। इसकी शुरुआत दो दिन पहले ही शुरु हो जाती है। दिवाली का सबसे पहला दिन होता है धनतेरस का, इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन धन और आरोग्य के लिए मां लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार दिवाली से दो दिन पूर्व धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान वो अपने साथ अमृत कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण से भगवान धन्वंतरि को औषधी का जनक भी कहा जाता है। इस दिन सोना-चांदी आदि की खरीददारी करना शुभ माना जाता है।

धनतेरस के त्योहार को वैसे तो पूरे भारत में हिंदू समुदाय में मनाया जाता है पर बिजनेसमैन के लिए इस त्योहार का खास महत्व होता है, खासकर उन व्यापारियों के लिए जो सोने और चांदी का व्यापार करते हैं। व्यापारियों के लिए इस दिन से नया बिजनेस कैलेंडर शुरु होता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी जी घर आती हैं। कई जगह इस दिन अन्न की पूजा भी की जाती है जिनमें गेहूं, उरद, चना, मूंग और मसूर की भी पूजा होती है। इस त्योहार पर दोस्तों को, परिवार जनों को, कॉर्पोरेट दफ्तरों में अपने कर्मचारियों को उपहार देने की परंपरा भी है।

इसके बाद दिवाली में कंपनी कर्मचारियों को बोनस भी देती है। कॉर्पोरेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को गोल्डन ड्राई फ्रूट बास्केट, गोल्डन सिल्वर बाउल सेट और चांदी से बनीं चीजें दे सकते हैं। इसके अलावा कंपनियां कर्मचारियों को स्नैक्स भी गिफ्ट करती हैं। स्नैक्स के अलावा चॉकलेट भी कर्मचारियों को उपहार के तौर पर दी जा सकती हैं। दोस्तों और परिवार के लिए ऑक्सिडाइड पीपल की पत्ती, गणेश जी की प्रतिमा दे सकते हैं। इसके अलावा मार्बल ज्वैलरी बॉक्स भी एक अच्छा विकल्प है। इन उपहारों के अलावा गोल्डन टर्टल भी उपहार में दिया जाता है। इसके अलावा फैन्सी लाइट वर्क भी उपहार के लिए एक अच्छा विकल्प है। त्योहार के इस सीजन में आप क्रॉकरी से बने सामान भी उपहार स्वरूप दे सकते हैं। क्रॉकरी के सामान आफिस के कर्मचारियों, परिवार जनों या दोस्तों को दिए जा सकते हैं।

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