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नया साल, नया कानून, नया भारत: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े अनुपूरक विधेयकों के लोकसभा में पारित होने पर खुशी जताई. मोदी ने विधेयकों के पारित होने के तुरंत बाद ट्वीटर पर लिखा, ‘जीएसटी विधेयक पारित होने पर सभी देशवासियों को बधाई. नया साल, नया विधेयक, नया भारत.’

उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था को अमली जामा पहनाने से जुड़े चार विधेयकों को बुधवार को मंजूरी दे दी. इससे इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के एक जुलाई 2017 से लागू होने की उम्मीद बढ़ गई है. सरकार ने संसद को आश्वस्त किया कि नयी कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के साथ ही कृषि पर कर नहीं लगाया गया है.

लोकसभा ने आज (बुधवार, 29 मार्च) केंद्रीय माल एवं सेवा कर बिल 2017 (सी जीएसटी बिल), एकीकृत माल एवं सेवा कर बिल 2017 (आई जीएसटी बिल), संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवाकर विधेयक 2017 (यूटी जीएसटी बिल) और माल एवं सेवाकर (राज्यों को प्रतिकर) विधेयक 2017 को सम्मिलित चर्चा के बाद कुछ सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर करते हुए ध्वनिमत से पारित कर दिया. धन विधेयक होने के कारण इन चारों विधेयकों पर अब राज्यसभा को केवल चर्चा करने का अधिकार होगा.

वस्तु एवं सेवा कर संबंधी विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने विपक्ष की इन आशंकाओं को निर्मूल बताया कि इन विधेयकों के जरिये कराधान के मामले में संसद के अधिकारों के साथ समझौता किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पहली बात तो इसी संसद ने संविधान में संशोधन कर जीएसटी परिषद को टैक्स की दर की सिफारिश करने का अधिकार दिया है.

जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद पहली संघीय निर्णय करने वाली संस्था है. संविधान संशोधन के आधार पर जीएसटी परिषद को मॉडल कानून बनाने का अधिकार दिया गया. जहां तक कानून बनाने की बात है तो यह संघीय ढांचे के आधार पर होगा, वहीं संसद और राज्य विधानसभाओं की सर्वोच्चता बनी रहेगी. हालांकि इन सिफारिशों पर ध्यान रखना होगा क्योंकि अलग अलग राज्य अगर अलग दर तय करेंगे तो अराजक स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. यह इसकी सौहार्दपूर्ण व्याख्या है औार इसका कोई दूसरा अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए.

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