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नहीं डाला वोट तो पति को दी “गुनाह” रटते हुए हाथ उठाकर पूरी पंचायत में घूमने की सजा

देश में आम जनता को अपने पसंद का राजनेता और प्रतिनिधि चुनने का पूरा अधिकार है। एक मतदाता अपनी मनमर्जी के मुताबिक किसी को भी वोट दे सकता है। कई बार मतदान के दौरान यह सुनने को मिलता है कि फलां जगह में फलां से जबरदस्ती वोट डलवाया गया। ऐसा ही कुछ ओडिशा में देखने को मिला है जहां पर ग्राम पंचायत के चुनाव के दौरान एक महिला ने गांववालों द्वारा चुने गए प्रत्याशी को वोट न देने के कारण उसके पति को गुनाह रटते हुए पूरी पंचायत में घूमने की सजा सुनाई। यह मामला अंगुल जिले के गुड़ियापाड़ा गाव का है।

पुलिस ने इस मामले में ग्राम प्रधान समेत करीब 52 लोगों पर केस दर्ज किया है। एक पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गुरुवार को ग्राम पंचायत के चुनाव हुए थे। सभी गांववालों ने फैसला करके अपना एक प्रत्याशी चुना था और वार्ड सदस्या मल्लिका साहू को छोड़कर सभी ग्रामीणों ने उसी प्रत्याशी को वोट दिया। पुलिस में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक जब इस बारे में ग्रामीणों को पता लगा कि मल्लिका ने उनके द्वारा चुने गए प्रत्याशी को वोट नहीं दिया है, तो उन्होंने पंचायत बुला ली। पंचायत ने मल्लिका के बजाए उसके पिता दुष्यंत साहू को इसकी सजा दी। पंचायत ने उसे 50 हजार रुपए जुर्माना या फिर अपनी बीवी का गुनाह रटते हुए पूरी पंचायत में घूमने की सजा सुनाई।

पंचायत ने उससे कहा कि वह हाथ ऊपर उठाकर पूरे गांव में घूमे और बोले कि मैं अपनी बीवी के किए की सजा बुगत रहा हूं क्योंकि वह गांववालों की इच्छा के विरुध गई थी। दुष्यंत के पास इतना पैसा नहीं था कि वह जुर्माना भर सके इसलिए ग्रामीणों ने उसे पंचायत में घुमवाया गया। इसी बीच कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दुष्यंत को रोते हुए यह सजा करते हुए देखा, जिसके बाद इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। वहीं केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस घटना की कड़ी निंदी की और कहा कि ऐसे इंसानियत को मारने वाली घटना को देखकर अचंभित हूं।

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