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राष्ट्रपति चुनावों में शरद यादव की एक शर्त पर जदयू कर सकती है बीजेपी का समर्थन

वरिष्ठ जदयू नेता शरद यादव ने संकेत दिया है कि अगर भाजपा कट्टर हिंदूवादी विचार वाले किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार बनाती है तो विपक्षी दल अपना प्रत्याशी उतारेंगे। अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस नीत विपक्ष के उतरने की स्थिति में शरद यादव को भी उम्मीदवारी का संभावित दावेदार माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा प्रस्तावित नाम संविधान में भरोसा रखने वाला और संवैधानिक शुचिता से जुड़ा हो तो भाजपा नीत राजग के उम्मीदवार के नाम पर आम-सहमति बन सकती है।

राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अगर वे ऐसे नाम का प्रस्ताव रखते हैं जो संविधान में भरोसा रखता है, जो संविधान की शुचिता को समझता है, उसे मानता है तो आम-सहमति बन सकती है। हम बात करेंगे। जब इस बारे में विस्तार से पूछा गया तो यादव ने ‘लव जिहाद’ और ‘घर वापसी’ जैसे मुद्दों की बात की जिनसे हिंदूवादी संगठनों का नाम जुड़ता रहा है। उन्होंने कहा कि ये संविधान के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके तीन साल के शासन में उन्होंने ‘लव जिहाद’ जैसी संविधान से बाहर की चीजें की हैं। संविधान में यह कहां लिखा है? हमारा संविधान तो वयस्कों को जाति और धर्म से परे उनकी पसंद से शादी की इजाजत देता है। यादव ने कहा, ‘‘उन्होंने इस सोच पर हमला किया। वे जाति के बंधनों को हटाने के लिए कुछ नहीं करते बल्कि ‘घर वापसी’ कराते हैं। विपक्षी दल ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करेंगे जो संविधान में भरोसा रखता हो।

विपक्षी दल राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतारने पर बातचीत कर रहे हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में भोज दिया था जिसमें वामदल, सपा, बसपा, राजद और जदयू समेत 17 दलों ने भाग लिया था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी अपने गठबंधन सहयोगियों से सलाह मशविरा करने के बाद राष्ट्रपति पद के अपने उम्मीदवार पर विपक्षी दलों से बात करेगी।

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