आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की याचिका मंजूर करते हुए एक निचली अदालत ने सोमवार (12 मार्च) को अपना आदेश जारी करते हुए कार्ति चिदंबरम को 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अदालत ने कार्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को उनके तीन दिन की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद विशेष न्यायाधीश सुनिला राणा के समक्ष पेश किया गया था.
सीबीआई ने कार्ति से हिरासत में पूछताछ के लिए और समय की मांग नहीं की थी. इसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. कार्ति, चेन्नई हवाईअड्डे से 28 फरवरी को गिरफ्तार होने के बाद से 12 दिन तक सीबीआई की हिरासत में थे. सीबीआई ने कार्ति के लिए 15 दिन की न्यायिक हिरासत मांगी थी, इसके बदले कार्ति ने अदालत से अपनी याचिका पर तय तारीख 15 मार्च के बदले आज (सोमवार, 12 मार्च) ही सुनवाई करने की मांग की थी. कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम भी अदालत कक्ष में उपस्थित थे.
कार्ति की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील दया कृष्णन ने न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की स्थिति में अदालत से जमानत याचिका पर सोमवार को ही सुनवाई करने की मांग की थी. उन्होंने एक और याचिका देकर कार्ति को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की स्थिति में जेल के अंदर अलग कोठरी की मांग करते हुए कहा कि‘‘वह पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री के बेटे हैं और उनके( पी. चिदंबरम) के कार्यकाल के दौरान कई आतंकवादियों पर अभियोजन चला था और कार्ति के लिए स्पष्ट रूप से खतरा है.’’
सीबीआई ने कार्ति के लिए अलग कोठरी की मांग की याचिका का विरोध इस आधार पर किया कि अगर खतरा है तो पी. चिदंबरम को है न कि उनके बेटे को जिस पर कृष्णन ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि सीबीआई की आपत्ति से खतरे की अनुभूति बढ़ गई है. कार्ति के वकील ने कहा, ‘‘अलग कोठरी की मांग का सीबीआई द्वारा विरोध करने से मेरी आशंका बढ़ गई है और इसमें राजनीतिक निहितार्थ है और खतरे की मेरी अनुभूति बढ़ गई है. मेरी जांच करने वाले संगठन को मेरी सुरक्षा की चिंता होनी चाहिए. यहां गलत मंशा है. मुझे आश्चर्य है कि सीबीआई सुरक्षा की मेरी याचिका का विरोध कर सकती है. क्या इससे इंकार किया जा सकता है?’’