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500 साल से बर्फ में दबी लड़की मिली, देखकर डॉक्टर हुए अचंभित

Seeing a girl in the snow for 500 years, the doctor was surprised to see

बर्फ में दबी मिली 500 साल पुरानी एक ममी की जांच कर पहली बार बीमारी का पता लगाया गया। ये ममी एक इंका ट्राइब्स लड़की की है जो मौत के वक्त बैक्टीरियल इंफेक्शन से जूझ रही थी, जिसके लक्षण बिल्कुल टीबी की तरह थे। ये ममी इतनी बेहतर स्थिति में मिली थी कि उसकी स्किन, बाल और बॉडी देखकर इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल था कि ये इतने साल पुरानी है। एक साइंटिस्ट ने ये तक कहा था कि ऐसा लग रहा था कि जैसे डेडबॉडी सिर्फ एक या दो दिन पुरानी है। डॉक्टर्स का ये भी दावा है कि इंका लड़की से मिले ब्लड से आज के दौर की बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलेगी।

जिंदा इंसान के जैसी स्किन
ये ममी अर्जेंटीना के एक ज्वालामुखी के ढेर से 1999 में निकाली गई थी। ये जगह समुद्र के तल से 22,000 फीट की ऊंचाई पर है। यूएस आर्कियोलॉजिस्ट और एक्पीडिशन मेंबर जोहान रेनहर्ड ने बताया था कि जब मैंने इसे पहली बार देखा था, तब उसके हाथ बिल्कुल जिंदा इंसान के जैसे दिख रहे थे। टीम को इसके बालों में जूं तक मिले थे। एक्सपर्ट्स का ये भी अनुमान है कि लड़की की किसी परंपरा के तहत बलि दी गई रही होगी।

लंग्स इंफेक्शन के मिले साइन
ममी की स्टडी करने वाले न्यूयॉर्क की सिटी यूनिवर्सिटी में क्रिमिनल जस्टिस कॉलेज के एंजेलिक कोर्थल्स ने कहा कि ये एनालिसिस सिर्फ इसलिए संभव हो सका क्योंकि ममी बहुत अच्छी हालत में मिली थी। टीम ने दो इंका ममीज के होंठ साफ किए और उनके प्रोटीन की तुलना की। इस ममी का प्रोटीन प्रोफाइल पुराने सांस संबंधी बीमारियों के शिकार मरीजों जैसा था। वहीं, ब्लड के सैंपल और लंग्स के एक्स-रे में मौत के वक्त लंग्स इंफेक्शन के साइन मिले। डॉक्टर्स का ये भी मानना है कि ममी के ब्लड सैंपल से जरिए आज के दौर में होने वाली बीमारियों को ठीक करने में मदद मिल सकेगी।

बड़ी मिस्ट्रीज सुलझाने में मददगार
कोर्थल्स ने कहा कि इसने हमारे लिए इतिहास की बड़ी मिस्ट्रीज को सुलझाने के नए रास्ते तलाशे हैं। हमें इसके जरिए 1918 में तबाही मचाने वाले फ्लू की वजहें तलाशने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ये हमारे लिए भविष्य में खड़ी होने वाली समस्याओं को लेकर हमारी समझ को बढ़ाएगी। जैसे हमें पैदा होने वाले नए तरह के इंफेक्शियस एजेंट और पुराने संक्रामक रोगों के फिर जिंदा होने के खतरों को समझने का मौका मिलेगा।

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