17 मार्च को बिहार के भागलपुर में हुए सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत बुधवार को जेल से रिहा हो गए. सोमवार को शाश्वत समेत बीजेपी के आठ अन्य नेताओं को भी जमानत मिल गई थी.
सांप्रदायिक हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए शाश्वत कई दिनों तक पुलिस से बचते रहे. फिर एक अप्रैल को नाटकीय अंदाज में सरेंडर कर दिया. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था. इससे पहले शाश्वत ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में अर्जी भी दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया था.
17 मार्च को भारतीय नववर्ष जागरण समीति की तरफ से अरिजीत शाश्वत के नेतृत्व में भागलपुर शहर में एक जुलूस निकाला गया था. 15 किलोमीटर लंबे रास्ते में यह जुलूस तकरीबन आधा दर्जन मुस्लिम बहुल इलाकों से होकर गुजरा. नाथनगर थाना क्षेत्र के मेदिनी चौक पर नारेबाजी को लेकर दोनों समुदायों के बीच झड़प हो गई. इसके बाद यहां जमकर पथराव और आगजनी हुई.
यह मोटरसाइकिल जुलूस जब इस इलाकों से होकर गुजर रहा था तब उसपर पत्थरबाजी होने लगी. जुलूस में शामिल कुछ कार्यकर्ताओं ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे यह हिंसा भड़क गई.