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पूर्व मंत्री लंगाह को राहत मिला दुष्‍कर्म आरोप, से महिला बयान से पलटी, कहा-वीडियो में मैं नहीं…

गुरदासपुर। दुष्कर्म के मामले में नामजद पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के हाईप्रोफाइल केस में नया मोड़ आ गया। बुधवार को पीडि़त महिला कोर्ट पहुंच अपने बयानों से पलट गई। पलटने के साथ उसने पंजाब पुलिस पर भी दबाव बनाने का आरोप लगाए। उसने कहा कि पुलिस ने कोरे कागज पर उस पर साइन करवाए थे। अदालत में बुधवार को तीन घंटे तक चली लंबी कार्रवाई के बाद पहली बार लंगाह सुकून से बाहर आते दिखे।

पिछली तारीख पर लंगाह के खिलाफ आरोप पत्र दायर होने के बाद बुधवार को सरकारी पक्ष ने गवाह पेश करने थे। अतिरिक्त जिला व सेशन जज प्रेम कुमार की अदालत में लंगाह केस की सुनवाई शुरू हुई। उसके बाद सरकारी पक्ष ने पीडि़त महिला को गवाह के रूप में पेश किया। वह जाते ही अपने बयानों से पलट गई और कहा कि लंगाह ने उससे दुष्कर्म नहीं किया है।

महिला ने वायरल हुई अश्लील वीडियो से भी इंकार करते हुए कहा कि इस वीडियो में दिखाई दे रही महिला वह नहीं है। पुलिस ने कोरे कागज पर उसके हस्ताक्षर ले लिए थे, जिसका दुरुपयोग किया गया है। लंगाह के राजनीतिक विरोधियों के दवाब व पुलिस ने उसे बदनाम करने के लिए ऐसा किया। गवाह के इस बयान के बाद लंगाह व बचाव पक्ष के वकीलों के चेहरे खिल उठे और पुलिस अधिकारियों के मुंह लटक गए।

इससे पहले भारी सुरक्षा के बीच लंगाह को कोर्ट रूम में पहुंचाया गया। बंद कमरे में चली सुनवाई के दौरान कमरे के बाहर एसएसजी कमांडो व पुलिस के जवान मुस्तैद थे। कोर्ट ने अगली तारीख 12 मार्च दी है। लंगाह ने पंजाब व हरियाणा हाईकोट में जमानत याचिका लगाई गई है। उस पर पांच मार्च को फैसला होगा।

अदालती कार्रवाई समाप्त होने के बाद बाहर आए सुच्चा सिंह लंगाह ने मीडिया को बताया कि उसके साथ धक्का हुआ है। आज इसका सभी को पता चल गया है। उसे बीमारी की हालत में पूरी तरह से इलाज भी नहीं करने दिया गया। अब उन्हें जल्द कोर्ट से इंसाफ मिलेगा

विजिलेंस विभाग के पठानकोट कार्यालय में तैनात एक विधवा महिला मुलाजिम ने 28 सितंबर 2017 को एसएसपी गुरदासपुर को शिकायत दी थी। उसमें कहा था कि लंगाह ने उसके साथ कई सालों तक दुष्कर्म किया है। इस केस की जांच डीएसपी सिटी एडी सिंह को सौंपी गई थी। पीडि़त महिला के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज हुए। उसके बाद 29 सितंबर को लंगाह के खिलाफ आइपीसी की धारा 376, 384, 420, 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया। पांच दिन बाद लंगाह ने गुरदासपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उसके बाद उन्हें पहले कपूरथला फिर पटियाला जेल भेजा गया।

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