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लात्कार पीड़िता ने की आत्महत्या की कोशिश

24-25 मई की दरमियानी रात को जेवर-बुलंदशहर रोड पर सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई 50 साल की पीड़िता ने रविवार तड़के फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि फांसी के फंदे पर लटकने के वक्त उसकी बेटी ने देख लिया और शोर मचा दिया, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने महिला को बचा लिया। पीड़िता दुपट्टे से फंदा बना कर पंखे से बांधकर आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी। महिला के परिजनों का आरोप है अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस अभी तक अपराधियों का सुराग नहीं लगा पाई है। परिवार के सदस्यों के मुताबिक, वे जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। राज्य सरकार ने वारदात में मारे गए व्यक्ति के परिवार को 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद का एलान किया है, जबकि उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला है।

जानकारी के मुताबिक, महिला अपने पति, बेटे, बहू और बेटी के साथ रहती है। उसकी तीन अन्य बेटियों की शादी हो चुकी है। रविवार रात को महिला का पति छत पर सो रहा था। रात को तीन बजे महिला उठी और अपने दुपट्टे को कमरे में लगे पंखे से बांधकर फांसी लगाने की कोशिश करने लगी। उसी दौरान उसकी बेटी ने उसे देख लिया और शोर मचाकर परिवार के अन्य सदस्यों को जगा दिया, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने उसे बचाया। पीड़िता का आरोप है कि बदमाशों ने उसकी उम्र का भी लिहाज नहीं किया। इस वजह से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा तार-तार हो गई है। सबसे दुखद यह रहा कि जांच करने वाले डॉक्टरों ने उसे बलात्कार पीड़ित मानने से भी इनकार कर दिया।

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