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150 आईएएस अफसरों ने नहीं मानी योगी आदित्य नाथ की बात, कड़े निर्देशों और कई बार याद दिलाने के बावजूद

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के कड़े निर्देशों और कई बार याद दिलाने के बावजूद करीब 150 आईएएस अफसरों ने अपनी चल व अचल संपत्ति का पूरा ब्यौरा नहीं सौंपा है। सूत्रों के मुताबिक, सीएम योगी अपनी सरकार को घोटालों से बचाने और साफ छवि पेश करने के लिए भ्रष्ट अफसरों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 20 मार्च को सभी नौकरशाहों से 15 दिन के भीतर विस्तार से संपत्ति का ब्यौरा जमा करने को कहा था। निर्देश दिए एक महीने से ज्यादा हो गया है और 120 IAS ऑफिसर्स ने अभी तक चल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया, वहीं 30 अफसर ऐसे हैं जिनकी अचल संपत्ति की डीटेल सामने नहीं आई है।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अध्यक्षों को 3 मई को इस मुद्दे पर बात करने के लिए समन किया है। कर्मचारी और नियुक्ति के प्रमुख सचिव कामरान रिजवी ने नौकरशाहों को यह भी बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का अनुपालन ना करने वालों पर कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों की मानें तो अधिकतर अफसर उन्हें दिए गए फॉर्मेट के कारण अपनी प्रॉपर्टी की डीटेल देने से बच रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस फॉर्मेट में जानकारी मांगी गई है उसमें किसी तरह की छूट नहीं है। अफसरों को अपने साथ पूरे परिवार की चल-अचल संपत्ति और इनकम की जानकारी भी तत्काल प्रभाव से मांगी गई है। एक पूर्व आईएएस ऑफिसर ने बताया कि इसे तरीके से वो अफसर भी नहीं बच पाएंगे जिन्होंने अपने ससुर या अन्य रिश्तेदारों के नाम पर प्रॉपर्टी की होगी।

कैबिनेट सहयोगियों से भी मांगी थी डीटेल:
बता दें कि मुख्यमंत्री बनने के बाद हुई पहली बैठक में ही योगी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को 15 दिन के भीतर संपत्ति का पूरा ब्यौरा पार्टी एवं सरकार को उपलब्ध कराने को कहा था। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘भ्रष्टाचार’ को समाप्त करने के संकल्प के तहत मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपनी आय और चल अचल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा।

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