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गोण्डा जिलाअस्पताल में खाली कुर्सियां खोलती व्यवस्था की पोल।

Talking itself corruption of Blank Bank in Gonda district hospital.

          

गोण्डा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थायें हमेशा से चिंता का विषय रहीं हैं। आज के समय की इस महँगाई में स्वास्थ्य सुविधाएं आम जनमानस की पहुंच से बहुत दूर होती जा रही हैं। एक तरफ जहां हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर बहुत चिंतित हैं वहीं दूसरी तरफ गरीबों के एक मात्र सहारे के रूप में पहचान रखने वाला गोण्डा जिला अस्पताल अपने कर्मचारियों की लापरवाही के वजह से जिले भर में बदनाम है। आपको बता दें कि अस्पताल के कर्मचारी अपने समय पर कभी भी अस्पताल न आकर अस्पताल की व्यवस्था में चार चाँद लगाकर चिकित्सा सुविधा की पोल खोलते हैं,और यदि कोई उनसे शिकायत की धमकी देता है तो अस्पताल के कर्मचारी मारपीट पर उतर आते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अपने ड्यूटी के समय के दौरान बमुश्किल कर्मचारी 2 या 3 घंटे ही कुर्सी पर मिलता है,और कारण पूछे जाने पर कभी चाय कभी विभाग के काम का बहाना बनाता है। दवाओं के स्टोर से लेकर अस्पताल के कक्ष संख्या 14 ब्लड कलेक्शन के स्थान तक का हाल बहुत ही बुरा है, जहां दूर दराज के क्षेत्र से आये आम जनमानस भीड़ लगाए खड़े रहते हैं लेकिन लापरवाह कर्मचारियों पर इसका कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। हमारे द्वारा भीड़ में खड़े लोगों से बात करने पर यह पता चलता है कि यह कोई नई बात नहीं गोण्डा जिलाअस्पताल में कर्मचारियों की यह कार्यशैली इनकी पहचान है, यह न बदली है और न ही बदलेगी। इस तरह के दृश्य देख कर सूबे की सरकार के कथनी और करनी में काफी अंतर दिखता है, बरसात के मौसम में एक तरफ जहां बीमारियों से पूरा जिला बेहाल है वहीं जिला अस्पताल में बेहाल मरीजों की कोई सुधि लेने वाला नहीं है तथा अस्पताल के निर्भिक लापरवाह कर्मचारियों के मन में अपनी लापरवाही को लेकर किसी भी तरह का भय न होना सरकार की स्वास्थ्य नीतियों को धता बताता है।

@Pushpen40953031

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