उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 30 जून तक लंबित सभी तरह की शिकायतों का निपटारा 31 जुलाई तक कर लेने का सख्त निर्देश अधिकारियों को दिया है। वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए आदित्य नाथ ने राज्य भर के अधिकारियों संग बैठक की। तीन घंटे चली बैठक में सीएम ने कुल 67 मामलों का निपटारा किया और इस दौरान शिकायतकर्ताओं से भी बात की। यानी सीएम ने एक ही मंच पर अधिकारियों-शिकायतकर्ताओं को साथ लेकर मामलों का निपटारा किया। सीएम ने टीम बनाकर सभी तरह के मामलों का प्रभावी निस्तारण करने का निर्देश दिया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिला स्तर पर जिलाधिकारी तथा एसएसपी, मंडल स्तर पर मंडलायुक्त और पुलिस महानिरीक्षक जोन अथवा अपर पुलिस महानिदेशक जनशिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करेंगे। यह समीक्षा मासिक स्तर पर होगी। लखनऊ के शास्त्री भवन में गुरुवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग में सीएम योगी आदित्य नाथ ने 14 जिलों के जिलाधिकारी, एसपी और सीनियर एसपी से बात की।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने एनडीटीवी को बताया कि राज्य के इतिहास में ऐसी पहली बार हुआ है जब जब किसी मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ताओं से उनकी समस्याओं के निराकरण के संबंध में सीधे बात की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनसमस्याओं के निवारण और उसकी की गुणवत्ता के संबंध में हर महीने 24 घंटे के नोटिस पर इसी तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम, एसपी और एसएसपी के साथ समीक्षा करेंगे। सीएम योगी ने हर तरह की शिकायत का निपटारा थाना, तहसील, ब्लॉक और जिला स्तर पर कराने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि योगी आदित्य नाथ से यूपी की सत्ता संभालते ही कहा था कि उनकी सरकार राज्य में सुशासन स्थापित करने के लिए वचनबद्ध है। इससे पहले योगी ने खुद के लिए दो मर्सिडीज कार खरीदे जाने के प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। संपत्ति विभाग की ओर से योगी की फ्लीट में शामिल करने के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए से दो मर्सिडीज खरीदने जाने का प्रस्ताव किया था, जिसे योगी ने खारिज कर दिया। कार खरीदे जाने का प्रस्ताव संपत्ति विभाग की ओर से कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के पास अप्रूवल के लिए भेजा गया था। जब फाइल को सामने रखा गया तो योगी आदित्यनाथ ने उसे यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि उन्हें अपनी फ्लीट के लिए नई कार खरीदने की जरुरत नहीं है। जो वाहन हैं वो ठीक है।