लखनऊ: मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर जनसंघ के नेता दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर करने को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इसका विरोध किया। सपा का कहना था कि भाजपा सरकार मनमानी करने में लगी हुई है। वो इस स्टेशन का नाम बेवजह बदल रही है और इसका कोई औचित्य नहीं है।
दरअसल यूपी की योगी सरकार के फैसले को गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी थी। सरकारी नियमों के मुताबिक किसी स्टेशन, गांव, शहर का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार को गृह मंत्रालय से एनओसी लेना जरूरी होता है।
दरअसल, बीजेपी इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है।
योगी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में मुगलसराय के मुख्य मार्ग का नाम दीनदयाल के नाम पर करने, प्रमुख चौराहे पर उनकी प्रतिमा लगाने और उसका नाम दीनदयाल चौक करने का भी निर्णय लिया था। इस बैठक में कहा गया था कि दीनदयाल उपाध्याय का निष्प्राण शरीर मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर मिला था और इसीलिए इस स्टेशन का नाम उनके नाम पर नखा जाना चाहिए।