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CNG वैन चालक आज से 2 दिन की हड़ताल पर, लोगो की बढ़ी मुस्किले

लखनऊ: राजधानी में सीएनजी पम्प स्टेशन बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सीएनजी वैन चालक आज यानी शुक्रवार से हड़ताल कर दिया है। इसका असर स्कूलों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। ट्रांसगोमती के आसपास के कई स्कूल, वैन चालकों की हड़ताल से प्रभावित हुए। वैन चालकों ने शनिवार को भी स्कूल से बच्चों को न लाने की घोषणा की है। इसके चलते पैरेंट्स में काफी आक्रोश है। उन्होंने स्कूल वैन चालकों की हड़ताल को उनकी मनमानी बताया है। आगे पढ़‍िए पूरा मामला…

-राजधानी में सीएनजी के कुल 12 स्टेशन हैं। इन पम्प पर दिनभर गैस रिफलिंग के लिए लम्बी लाइन लगी रहती है। इसमें काफी गाड़ियां स्कूलों की भी होती हैं।

-स्कूल वैन चालकों के मुताबिक, शहर में सीएनजी पम्प स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की मांग लम्बे टाइम से चल रही है, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिए वैन चालकों को हड़ताल करना पड़ा है। वे शनिवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहेंगे।

कोई रिक्शा लेकर तो कोई गाड़ी से पहुंचा स्कूल
-सीएनजी वैन चालकों की हड़ताल का खामियाजा पैरेंट्स और उनके बच्चों को भुगतना पड़ा। कई पैरेंट्स रोज की तरह अपने बच्चे को तैयार कराकर स्कूल भेजने के लिए घर के बाहर खड़े रहे, लेकिन स्कूल वैन नहीं आई।

-पैरेंट्स स्कूल वैन न आने के कारण अपने बच्चों को रिक्शे या मोटरसाइकिल से लेकर किसी तरह स्कूल पहुंचे। स्कूल वैन न आने के कारण कई बच्चे आज टाइम से स्कूल नहीं पहुंच पाए। उन्हें स्कूल में टीचर की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा। इसके चलते पैरेंट्स में काफी आक्रोश है।

क्या कहते हैं पैरेंट्स
-नरही निवासी अनूप गुप्ता ने बताया, उनकी बेटी शिवा लामार्ट्स स्कूल में सेकेंड क्लास की स्टूडेंटस है। रोज बच्चों के स्कूल लाने और ले जाने के ल‍िए वैन आती है, लेकिन आज वैन घर पर नहीं आई थी।

-स्कूल में फोन करके पूछा तो बताया गया कि आज स्कूल वैन चालक हड़ताल पर हैं। उसके बाद अपनी बाइक से बेटी को स्कूल छोड़ने के लिए जाना पड़ा है। स्कूल वैन मालिकों को इस तरह से हड़ताल नहीं करनी चाहिए थी।

-चारबाग के एपी सेन रोड निवासी शेखर गुप्ता के मुताबिक, उनका सबसे छोटा बेटा राहुल, राजेन्द्र नगर स्थित सीएमएस स्कूल में क्लास 4 का स्टूडेंट है। वह रोज की तरह ही आज भी स्कूल जाने के लिए तैयार हुआ था, लेकिन उसके स्कूल की वैन उसे लेने के लिए नहीं आई।

-ड्राइवर को फोन किया तो उसका फोन नहीं उठा। बाद में राहुल की मां रिक्शे से बेटे को स्कूल छोड़ने गई थी। दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने पर उसे वापस भी लेकर आई। वाइफ को काफी प्रॉब्लम भी फेस करनी पड़ी थी।

-स्कूल वैन संचालकों को बिना सूचना के इस तरह से हड़ताल करना सही नहीं है।

-आशियाना निवासी मंगल सिंह का बेटा सुभम सिंह और यही के निवासी अजय शुक्ला की बेटी सौम्या शुक्ला दोनों ही आशियाना के स्प्रिंग डेल पब्लिक स्कूल में क्लास 3 में पढ़ाई करते हैं। उनके पैरेंट्स ने भी स्कूल वैन आज घर नहीं आने की बात कही है। उनका कहना है कि बिना बताए स्कूल वैन मालिकों का हड़ताल पर जाना सही नहीं है। उन्हें हड़ताल को वापस लेना चाहिए।

क्या कहते हैं स्कूल के अध‍िकारी
-सीएमएस गोमतीनगर स्कूल के पीआरओ ऋषि खन्ना ने बताया, स्कूल वैन ड्राइवर से हड़ताल के मसले पर बातचीत जारी है। बातचीत के जरिये जल्द ही इस समस्या का हल निकाला जाएगा।

-आशियाना स्थित स्प्रिंग डेल पब्लिक स्कूल की पीआरओ डॉ. मंजू शुक्ला के मुताबिक, ड्राइवरों को बातचीत के लिए बुलाया गया है, उन्हें समझाकर काम पर वापस भेजा जाएगा।

सीएनजी वैन चालकों ने कहा
-सीएनजी स्कूल वैन चालक मनोज कुमार ने बताया, अधिकारियों की लापरवाही से शहर में सीएनजी की किल्लत है। पिछले डेढ़ महीने से चालक परेशान हैं, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्हें पहले ही हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी गई थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए वैन चालकों को मजबूरन हड़ताल करने को विवश होना पड़ा है।

-स्कूल वैन चालक राहुल वर्मा के मुताबि‍क, शहर में मात्र 12 सीएनजी पंप हैं। इनकी संख्या बहुत कम है। इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। सीएनजी स्कूल वैन चालकों को रात भर लाइन में लगना पड़ता है। शहर में जितने भी सीएनजी के ऑनलाइन पंप हैं वो आलमबाग, पीजीआई, आशियाना और बुद्धेश्वर में है।

सीतापुर रोड, कुर्सी रोड और आइआइएम रोड पर कोई बूस्टर या ऑनलाइन पंप नहीं है, जिसके चलते सीएनजी चार पहिया संचालकों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

-सीएनजी वैन संचालक पुष्पेन्द्र गुप्ता ने कहा, सीएनजी गैस के लिए लग रही लम्बी लाइन से वैन चालक परेशान हैं। उन्हें काफी देर तक लाइन में लगकर गैस भराने के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इससे उन्हें कई तरह की मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए उन्होंने शुक्रवार और शनिवार दो दिनों के लिए हड़ताल किया है। यदि इसके बाद भी सिस्टम में सुधार नहीं हुआ तो एक अगस्त से चालक आमरण अनशन करेंगे।

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