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सना ने बताया क्या है घटना का सच : विवेक तिवारी हत्याकांड

Sana told what is the truth of the incident: Vivek Tiwari murder case.

    

सना से मिली जानकारी के अनुसार देर रात नए मोबाइल की लांच के बाद पार्टी में खाना खाने के बाद विवेक उसे छोड़ने अपनी कार से गोमतीनगर जा रहे थे रास्ते मे सुनसान जगह पर बाइक सवार पुलिस कर्मीओ ने गाड़ी रुकवाने के लिए हाथ दिया गाड़ी धीमी होते ही वह बदतमीजी करने व गाली देने लगे इतने में विवेक ने गाड़ी आगे बढ़ा दी आगे जाने पर बाइक सवार पुलिस कर्मियो ने बगल में बाइक लगाकर गोली मार दी जिसके बाद उनका वाहन पिलर से टकरा गया और पुलिस कर्मी फरार हो गए ।सुल्तानपुर में मृतक के घर पर मौजूद लोगों ने बताया देर रात घर पर उनके पुत्र विवेक की एक्सीडेंट में मृत्यु हो जाने की खबर लखनऊ पुलिस द्वारा दी गई । सूचना से घर में हड़कंप मच गया आनन-फानन में विवेक के भाई राजेश परिजनों के साथ लखनऊ रवाना हो गए । मृतक के चाचा रिटायर्ड इंस्पेक्टर तिलक राज तिवारी ने बताया उनके भतीजे विवेक जो कि मल्टीनेशनल कंपनी के एरिया मैनेजर थे नए मोबाइल की लांचिंग और उसकी खुशी में पार्टी के बाद देर रात वह अपने सहकर्मी सना को गोमती नगर स्थित आवास पर छोड़ने जा रहे थे ।

रास्ते में सन्नाटे में बाइक सवार पुलिसकर्मियों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया और बदतमीजी करने लगे साथ में महिला होने पर विवेक ने गाड़ी स्टार्ट कर भगा ली जिस से क्रोधित होकर बाइक सवार पुलिसकर्मियों ने बगल में गाड़ी लगा कर विवेक को गोली मार दी । गोली लगने से विवेक की मौके पर ही मौत हो गई यह कोई सामान्य घटना नहीं है पुलिस द्वारा जानबूझकर उनके भतीजे की हत्या की है। योगी राज ने आमजनता व निर्दोषों की हत्या की जा रही है पुलिस आदमखोर हो चुकी है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वारदात को अंजाम देने वाले दोनों पुलिसकर्मियों को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है । देर शाम तक मामले की जाँच के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी जांच का निर्देश दे दिया । विवेक की मौत की खबर से उनके कुड़वार थाना क्षेत्र के सरिया माफी व शहर के करौंदिया में कोहराम मच गया । गांव से ज्ञानप्रकाश, उत्तम, देवी प्रसाद ,संदीप कुमार रवि प्रकाश आदि पहुँचे सभी हतप्रभ थे। विवेक के पिता बैंक कर्मचारी थे जिनकी मृत्यु सन 2006 में हो गयी थी तीन भाइयों में विवेक के कंधों पर घर की जिम्मेदारी थी वे अपने पीछे दो छोटी बच्चियो को छोड़ गए।

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साथियो ने नम आंखों से यादें साझा की-

बचपन के उनके सारे मित्र जैसे-जैसे सूचना पाते रहे उनके घर पहुंचते रहे उन्हें इस घटना पर भरोसा ही नही हो पा रहा था। उनके खास दोस्त विपुल सिंह ने बताया विवेक बहुत ही सरल सज्जन स्वभाव के व्यक्ति थे सुल्तानपुर जनपद के अग्रणी क्लब हिंदुस्तान के मेंबर थे जहां उन्होंने 1995 से लेकर 2003 तक जिला स्तरीय क्रिकेट खेली यही नहीं केएनआई से अंतर विश्वविद्यालय क्रिकेट मैचों का ऑल राउंडर के तौर हिस्सा रहे । उनको प्यार से सभी रॉबिन कहते थे उनकी मौत पर सुकीर्ति सिंह, उमा शंकर अग्रहरी, राकेश सोनी ,विकी श्रीवास्तव ,आजाद सेठ दिनेश सोनी ,सुनील सिंह,समीर सिंह मोनू हसीब अहमद ,प्रकाश सिंह, राहुल तिवारी, राजेश सिंह ,आदि ने शोक व्यक्त किया।

Reported by – राजदेव 

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