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यूपी मदरसा बोर्ड- 20 साल पुराने मदरसा श‍िक्षकों से मांगा गया जॉब का रिकॉर्ड….

लखनऊ: यूपी मदरसा बोर्ड की ओर से मदरसों के फर्जीवाड़े पर रोक लगाने को लेकर शुरू की गई कवायद विवादों में घि‍र गई है। स्कूलों में पढ़ाने की बजाये 20 साल से ज्यादा की सर्विस कर चुके मदरसा टीचर्स अब नियुक्ति पत्रावली सत्यापन कराने के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (डीएमओ) के ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं। उन्होंने डीएमओ पर शोषण करने का आरोप लगाया है। आगे पढ़‍िए पूरा मामला…

-मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के ल‍िए यूपी के सभी मदरसों से टीचर्स, कर्मचारियों और वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट का ब्यौरा मांगा गया है। साथ ही मदरसे की बिल्डिंग और क्लासरू की फोटो मांगी गई है। इसके बाद मदरसा बोर्ड के वेबपोर्टल madrsaboard.upsdc.gov.in पर अपलोड किया जाएगा।
-टीचर्स से कहा गया है कि वे अपने नियुक्ति पत्रावली सहित अन्य दस्तावेजों को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (डीएमओ) से सत्यापित कराने के बाद ही मदरसा बोर्ड को भेजें।
-वहीं, मदरसा टीचर्स का आरोप है कि उन्हें 20 साल से ज्यादा सर्विस करते हो गया। अब नियुक्ति संबंधी पत्रावली सत्यापित करने के लिए डीएमओ ऑफिस जाने पर डीएमओ उनके नियुक्ति पत्रावली में खामियां निकाल कर उन्हें वापस भेज रहे हैं।
-ऐसे में 560 मदरसों के 8558 मदरसा टीचर्स के सामने नियुक्ति संबंधी पत्रावली के सत्यापन को लेकर चुनौती खड़ी हो गई है। मदरसा बोर्ड ने बगैर सत्यापन के टीचर्स का ब्यौरा मदरसा बोर्ड के वेबसाइट पर अपलोड करने से मना कर दिया है।
-बोर्ड केवल उन्हीं को असली टीचर्स मानेगा जिनकी नियुक्ति संबंधी सभी दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड होंगे। उसके आधार पर ही उनकी सैलरी का भी भुगतान होगा।
-मदरसा टीचर्स के संगठन अरबिया मदरसा ने डीएमओ पर नियुक्ति पत्रावलियों में जान-बुझकर खामियां निकालकर मनमानी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण से मदद की गुहार लगाई है।

क्या कहते हैं मदरसा टीचर्स संगठन के अध‍िकारी
-मदरसा श‍िक्षकों के संगठन मदरसा अरबिया के सेक्रेटरी हाजी दीवान साहेब जमां खा के मुताबिक, मदरसा टीचर्स की जांच के नाम पर 20-20 सालों से सर्विस कर मदरसा टीचर्स से नियुक्ति पत्र, रजिस्ट्री की रशीद, एक्पीरियंस लेटर, नियुक्ति संबंधी एेड की कटिंग मांगी जा रही है।
-ये सभी डाक्यूमेंट्स प्रबंधक के कंट्रोल में रहते हैं। प्रबंधकीय विवाद, बदलाव और अधिकारि‍यों के डेथ होने की वजह से कई बार ये डॉक्यूमेंट्स उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। ऐसे में सत्यापन के नाम पर मदरसा टीचर्स को तंग करना सही नहीं है। इस पर रोक लगनी चाहिए।

मदरसा बोर्ड के रज‍िस्ट्रार ने कहा
-मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता के मुताबिक, ये मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं है। अगर मदरसा टीचर्स अपनी प्रॉब्लम को लेकर रिटेन में मदरसा बोर्ड से कम्प्लेन करेंगे तो उस पर विचार किया जाएगा।

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