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आतंकवाद विकास के मार्ग में बाधा है:हामिद अंसारी

भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को ‘शासन प्रायोजित आतंकवाद’ को बिल्कुल भी बर्दाशत नहीं करने, इसे बढ़ावा देने और आर्थिक सहायता मुहैया कराने वालों को अलग-थलग कर उन पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यहां आयोजित हिंद महासागर रिम संगठन (आईओआरए) के पहले सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही. अपने संबोधन में उन्होंने यह रेखांकित किया कि आतंकवाद विकास के मार्ग में बाधा है, साथ ही खुले और बहुलतावादी समाज के लिए खतरा भी.

अंसारी ने ‘समृद्ध, स्थाई और शांतिमय हिंद महासागर क्षेत्र के लिए समुद्री सहयोग को मजबूत करने’ के विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में कहा कि महासागर कि ‘क्षेत्रीय तथा गैर क्षेत्रीय खतरों खासतौर पर समुद्री डकैतियों’ से रक्षा की जानी चाहिए साथ ही इस अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र का इस्तेमाल करने वालों को जिम्मेदाराना बर्ताव करना चाहिए और संयम बरतना चाहिए.

अपने संबोधन में उन्होंने कुछ प्रस्ताव पेश किए जिन्हें हिंद महासागर को सुरक्षित बनाने और उसे समृद्धि तथा सौहार्द का क्षेत्र बनाने के लिए भारत लागू करना चाहेगा. अंसारी ने 21 सदस्य देशों के नेताओं और सात वार्ता साझेदारों के प्रतिनिधियों की सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज आतंकवाद विकास में सबसे बड़ी बाधा बन गया है और यह खुले तथा बहुलतावादी समाज के लिए खतरा है.’

 अंसारी ने इस बात पर जोर देते हुए कि, ‘कोई भी कारण निर्दोष नागरिकों की हत्या को उचित नहीं ठहराता’’ कहा कि आईओआरए को शासन प्रायोजित आतंकवाद को जरा भी बर्दाशत नहीं करना चाहिए. उनका इशारा इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाकस्तिान की ओर था हालांकि पाकिस्तान आईओआरए का सदस्य नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के प्रायोजकों, वित्तीय सहायता मुहैया कराने वालों और आयोजकों को अलग थलग करके उनके खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए.’

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