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उत्तर कोरिया ने किया चार परमाणु मिसाइलों का परिक्षण,जापान में हड़कंप

उत्तर कोरिया ने आज चार बैलिस्टिक मिसाइलें दागकर हड़कंप मचा दिया है.  ये मिसाइलें परमाणु हथियारों से लैस हैं. जापान का कहना है कि तीन मिसाइलें उसके समुद्री इलाकों में गिरी हैं. कोरिया ने यह कार्रवाई अमेरिका और दक्षिण कोरिया के जॉइंट मिलिट्री ऑपरेशंस के खिलाफ की है. मिसाइल की अटैकिंग रेंज करीब 1000 किलोमीटर है. तीन मिसाइलें जापान के पूर्वी समुद्री इलाकों में गिरी हैं. इधर कोरिया के इस कदम पर दक्षिण कोरिया और अमेरिका ‘‘ठीक से नजर रखे हुए हैं.

उत्तर कोरिया के इस आक्रामक कदम के बाद दक्षिण कोरिया ने एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. दक्षिण कोरिया के डिफेंस मिनिस्ट्री  ने कहा, मिसाइल टेस्टिंग के बाद दक्षिण कोरिया के प्रेसिडेंट ह्वान क्यो आन ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की एक इमरजेंसी मीटिंग बैठक बुलाई. सोल (दक्षिण कोरिया की राजधानी) ने कहा कि उसकी सेना ‘‘उत्तर कोरिया की दूसरी तरह की एक्शन नजर रखे हुएहै.’’

इसलिए दागीं मिसाइलें

कोरियन न्यूज एजेंसी के मुताबिक मिसाइल दागने की वजह अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं का युद्ध अभ्यास है.  कोरियाई सरकार के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अमेरिकी साम्राज्यवादियों और दक्षिण कोरियाई कठपुतली बलों ने उत्तर कोरिया के दरवाजे पर खतरनाक परमाणु युद्ध अभ्‍यास फिर से शुरू किया है. हमारी सेना कड़ी से कड़ी जवाबी कार्रवाई करेगी.’’ बता दें कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज के खिलाफ उत्तर कोरिया पहले भी ऐसे कदम उठाता रहा है. कोरिया ने पिछले साल भी सात बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं.

जापान में गिरी मिसाइलें, मचा हड़कंप

कोरिया की ओर से दागी गईं चार मिसाइलों में से तीन जापान के समुद्री इलाकों में गिरने से जापान में हड़कंप मच गया. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कहा- उत्तर कोरिया ने ‘‘लगभग एक साथ’’ चार मिसाइलें दागीं, जिनमें से तीन जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में गिरीं. बता दें कि पूर्वी सागर को जापान सागर के नाम से भी जाना जाता है.

मिलिट्री एक्सरसाइज से नाराज कोरिया, पिछले साल भी की थी कार्रवाई

सोल और वॉशिंगटन ने पिछले हफ्ते सालाना संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किए थे, जिससे उत्तर कोरिया नाराज हुआ था. उसने इसे भड़काऊ कदम मानते हुए अपनी सेना से जवाबी कार्रवाई’’ करने को कहा था. यही नहीं प्योंगयांग (उत्‍तर कोरिया की राजधानी) ने पिछले महीने भी एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी, जो अक्टूबर के बाद दागी गई पहली मिसाइल थी.

उत्तर कोरिया पर लगे हैं प्रतिबंध

उत्तर कोरिया अपने न्‍यूक्‍लियर और मिसाइल प्रोग्राम्स के कारण कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. उत्तर कोरिया के करीबी सहयोगी चीन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह साल के अंत तक उत्तर कोरिया से सभी कोल इंपोर्ट को कैंसल कर देगा. बता दें कि कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के लिए फॉरेन करंसी अहम रिसोर्स है.

दोस्त चीन ने भी लगाई फटकार

उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के कदमों से करीबी चीन भी नाराज है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग और प्योंगयांग अब भी ‘‘पड़ोसी दोस्ती’’ हैं, लेकिन वह उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं का विरोधी है. बता दें कि यूएन ने उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नॉलॉजी के हर तरह के इस्तेमाल को लेकर रोक लगाई गई है.

यूएन भी समझाने में असफल

बता दें कि उत्तर कोरिया 2006 में पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था, जिसके बाद से उस पर यूनाटेड नेशन ने बैन के छह सेट लगाए गए हैं, जो उसे रोकने में असफल रहे हैं. यही नहीं कोरिया इन वेपंस को अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी बताता रहा है. उसने पिछले साल भी दो न्यूक्लियर टेस्ट और कई मिसाइलें लॉन्च की थीं. दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर किम जोंग के सौतेले भाई किम जोंग नाम की हत्या का भी आरोप लगाया है.

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